मालदीव देश भारतीयों के सबसे फेवरेट टूरिस्ट डेस्टीनेशंस के तौर पर जाना जाता था मगर जब से दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ा है इसका सीधा असर मालदीव के पर्यटन पर हुआ है. पिछले चार महीनों में मालदीव जाने वालों की संख्या में 42 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है. वहीं इस तेजी से घटते आंकड़ों पर मालदीव की तरफ से वहां जाने की अपील की गई है.
बता दें कि मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल की तरफ से दोनों देशों के संबंधों पर जोर देते हुए कहा गया कि उनकी सरकार भारत के संग मिलकर एकसाथ ही काम करना चाहती है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भारत से आने वाले टूरिस्टों का स्वागत करेगी, मैं बतौर मंत्री के रूप में भी यह आसा करता हूं कि आप सभी यहां आएं.
आपको बता दें कि मालदीव का ज्यादातर रवेन्यू पर्यटन के जरीए ही आता है ऐसे में ये रिपोर्ट का सामने आना इसके लिए मुश्किलें बढ़ा देता है. दोनों देशों के बीच लंबे समय तनाव देखने को मिल रहा है जिसके चलते बड़े स्तर पर मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. हाल ही में Sun.mv की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसके मुताबिक पिछले 4 महीनों में मालदीव जाने वाले टूरिस्टों की संख्या में 42 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़े देखें तो जनवरी से अप्रैल के बीच 42,638 भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की वहीं पिछले चार महीने पहले 73,758 लोग वहां घूमने के लिए पहुंचे थे.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिंसबर के महीने में जब पीएम मोदी की तरफ से सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की फोटोज शेयर की गई थीं, उस वक्त मालदीव सरकार के कुछ मंत्रियों की तरफ से इसे लेकर अपत्तिजनक कमेंटबाजी की गई थी. इसके बाद ही बॉयकोट मालदीव एकदम ट्रेंड में आ गया था जब बड़ी संख्या में लोगों ने मालदीव का बहिष्कार किया गया था.