Dehradun: उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं अब पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी कर सकेंगे. इसके लिये सरकार ने ”सीएम लीप अर्न वाइल यू लर्न” योजना को अपनी मंजूरी दे दी है. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी है.
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के पक्षधर है ताकि प्रदेश के युवाओं को शिक्षण संस्थानों में उच्च स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव और उपार्जन के अवसर उपलब्ध कराये जा सकें. सरकार की इसी मंशा के तहत प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘सीएम लीप अर्न वाइल यू लर्न’ योजना लागू की जायेगी. चयनित मेधावी छात्र-छात्राओं को अधिकतम छह हजार मासिक पारिश्रमिक दिया जायेगा. जिसकी मंजूरी सरकार ने दे दी है और शीघ्र ही शासन स्तर से इसका शासनादेश जारी कर दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि सीखो और कमाओ आधारित इस महत्वपूर्ण योजना के तहत प्रदेश के समस्त राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं अनुसंधान स्तर के पात्र छात्र-छात्राओं को संस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य सौंपे जायेंगे. जिसमें प्रमुख रूप से पुस्तकालय संचालन सहायता कार्य, प्रयोगशालाओं में उपकरण संचालन, रखरखाव और प्रायोगिक सत्रों के लिये प्रयोगशाला सहायता संबंधी कार्य और कार्यालयी प्रशासनिक कार्य आदि शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि योजना के लिए अभ्यर्थियों का चयन उनके समग्र शैक्षणिक स्कोर के आधार किया जायेगा. योजना के अंतर्गत कार्ययोजित छात्र-छात्राओं को सौ रुपये प्रतिघंटे के हिसाब से अधिकतम छह हजार रुपये प्रतिमाह पारिश्रमिक दिया जायेगा.
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि योजना के अंतर्गत कार्ययोजित छात्र-छात्राओं पर इसके प्रभाव का समय-समय पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से मूल्यांकन किया जायेगा. मूल्यांकन के दौरान नामंकित छात्रों व नियोजित करने वाले होस्ट दोनों से फीडबैक लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि एक निरंतर अंतराल में सीएम लीप योजना की समीक्षा भी की जायेगी, ताकि इस नीति की प्रासंगिकता, प्रभावशीलता और उद्देश्यों को सुनिश्चित किया जा सके और भविष्य में छात्र-छात्राओं को इसका अधिक से अधिक लाभ पहुंचाया जा सके.
योजना के लिये पात्रता
सीएम लीप अर्न वाइल यू लर्न योजना के लिये स्नातक द्वितीय वर्ष (तृतीय/चतुर्थ सेमेस्टर) से लेकर स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राएं तथा शोधार्थी पात्र होंगे. योजना के लिये छात्र-छात्राओं का चयन उनके समग्र शैक्षणिक स्कोर के आधार पर किया जायेगा. इसके लिये इच्छुक छात्रों को संबंधित संस्थान में पूर्णकालिक नियमित संस्थागत छात्र होना अनिवार्य होगा. योजना के तहत स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में प्राप्त अंक, स्नातकोत्तर प्रथम व द्वितीय वर्ष में प्राप्त अंक, यूसेट में प्राप्त अंक तथा नेट में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट तैयार की जायेगी. तदोपरांत उच्च प्राथमिकता पात्रता मानदंड को पूरा करने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जायेगी. इसके लिये इच्छुक छात्र-छात्राओं को संबंधित संस्थान में आवेदन करना होगा. उक्त संस्थान द्वारा सीएम लीप योजना के अंतर्गत नामांकन/आवेदन समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किये जायेंगे. जिसकी सूचना संस्थान को अपनी वेबसाइट पर प्रसारित करनी होगी और छात्र समूहों में भी इसका प्रचार-प्रसार करना अनिवार्य होगा.
इन क्षेत्रों में मिलेगा काम
पढ़ाई के साथ कमाई योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत अर्ह छात्र-छात्राएं शैक्षणिक विभाग, अनुसंधान केन्द्र, स्कूल, पुस्तकालय, विभाग और प्रशासनिक कार्यालय में काम कर सकेंगे. जिसमें पुस्तकालय संचालन के तहत पुस्तक व्यवस्था, प्रदर्शन और संचालन शामिल है. अनुसंधान केन्द्र में उपकरण संचालन, रखरखाव और प्रयोगशाला सहायता संबंधी कार्य किये जायेंगे. जबकि विभाग व प्रशासनिक कार्यालय में विशेष रूप से छात्र वर्ग से संबंधित कार्य, डाटा प्रबंधन, फाइलिंग, ड्राफ्टिंग इत्यादि कार्य शामिल है.
पढ़ाई के साथ मिलेगा पारिश्रमिक
सीएम लीप योजना के तहत कार्ययोजित छात्र-छात्राओं को 100 प्रतिघंटे की दर से अधिकतम रुपये 6000 मात्र प्रतिमाह पारिश्रमिक दिया जायेगा. जिसका भुगतान इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सेवा (ईसीएस) के माध्यम से करते हुए अर्जित धनराशि सीधे उनके व्यक्तिगत बैंक खाते में जमा की जायेगी.
हिन्दुस्थान समाचार