देहरादून: प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिष्टाचार भेंट कर कृषक कल्याण मंत्रालय का दायित्व मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी.
कृषि मंत्री जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया कि भारत सरकार के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया. उत्तराखंड में मिलेट्स मिशन का संचालन वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक किया जा रहा है. इससे लगभग 2.50 लाख कृषक लाभान्वित होंगे. गणेश जोशी ने कहा कि राज्य में मिलेट्स फसल झंगोरा (सावां) 38000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में उत्पादित की जाती है. झंगोरा (सावां) उत्तराखंड में मिलेट्स की प्रमुख फसलों में शामिल है. मंत्री जोशी ने झंगोरा को भी मंडुवा फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ग्रहण करने के लिए सम्मिलित कराने का आग्रह किया.
गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में 11 जनपदों के 6400 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के क्रियान्वयन के लिए 18.74 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केन्द्र सरकार ने स्वीकृत किया है. मंत्री जोशी ने योजना के संचालन के लिए धनराशि अवमुक्त कराने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री से अनुरोध किया.
जोशी ने बताया कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय फसलें यथा गहत 13149 हेक्टेयर में, राजमा 5884 हेक्टेयर, तोर 3327 हेक्टेयर, रामदाना 5523 हेक्टेयर, लाल धान 10 हजार हेक्टेयर, उगल 256 हेक्टेयर क्षेत्रफल में उगाई जाती है. इसके लिए मंत्री ने अनुरोध किया कि खाद्य सुरक्षा एवं पोशण मिषन के अंतर्गत इन फसल के सत्यापित बीज (टीएल सीड) के प्रयोग की अनुमति प्रदान की जाए. इससे इन फसलों को पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ावा देकर कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकेगा.
मंत्री जोशी ने यह भी कहा कि प्रदेश में जंगली जानवरों द्वारा खेती को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे कृषकों का खेती के प्रति रुचि कम हो रही है. इसके लिए जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए घेरबाड़ की आवश्यकता है. केंद्रीय मंत्री से अनुरोध करते हुए प्रदेश को प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये घेरबाड कराने के लिए अवमुक्त कराने का आग्रह किया.
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वाकांक्षी योजना है. इसके अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों के 250 से अधिक जनसंख्या की संपर्क विहीन पात्र बसावटों को सड़क मार्ग से संयोजित किए जाने का लक्ष्य है. पीएमजीएसवाई-1 एवं 2 के समस्त अवशेष कार्यों को मार्च 2024 तक पूर्ण करने की समयसीमा निर्धारित की गई थी. राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों, मानसून में पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टि, दैवीय आपदा, निरंतर होने वाले भूस्खलन आदि के कारण जहां कार्य करने के लिए सीमित अवधि मिल पाती है, वहीं इन आपदाओं के कारण कार्य की प्रगति भी प्रभावित होती है. मंत्री जोशी ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखंड राज्य में पीएमजीएसवाई-1 एवं 2 के अवशेष कार्यों को पूर्ण किए जाने की समय सीमा को मार्च 2025 तक विस्तारित करने का आग्रह किया. केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी महत्वपूर्ण विषयों पर आश्वासन देते हुए शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का भरोसा दिलाया.
हिन्दुस्थान समाचार