उत्तराखंड के बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुल गए थे. आज बाबा के धाम को खुले हुए 50 दिन हो गए हैं और यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. यह उल्लेखनीय है कि श्रद्धालुओं की संख्या आज 10 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है.
यह आंकड़ा राज्य सरकार की पर्यटन विभाग के चार धाम यात्रा पंजीकरण के बाद संभव हुआ है. पिछले वर्ष केदारनाथ धाम में 19.07 लाख तीर्थ यात्री आए थे. जबकि इस साल 10 लाख से ऊपर के आंकड़े इतने कम समय में ही प्राप्त कर लिए गए हैं. भारी बारिश के चलते भी हर रोज छह से सात हजार श्रद्धालु केदार धाम दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
शुरुआती दिनों में औसतन 25 हजार तीर्थ यात्री पहुंच रहे थे ,जिसके चलते राज्य सरकार ने ऑफलाइन पंजीकरण बंद कर दिए थे. सरकार ने यात्री भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाए थे .तीर्थ यात्रियों को ऋषिकेश रोककर आगे भेजा जा रहा था. हालांकि शुरू के एक माह होते ही तमाम बंदिशें और पंजीकरण खोल दिए गए थे.
इस बार केदारनाथ तीर्थ यात्रियों के आंकड़ों में विदेशी तीर्थ यात्रियों की संख्या केवल तीन है जिसमें से कोई भी महिला नहीं है .जबकि एनआरआई काफी बड़ी संख्या में केदारनाथ पहुंचे हुए हैं.उत्तराखंड में केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के तीर्थ यात्रियों में साल दर साल वृद्धि होती हुई नजर आ रही है.
पीएम मोदी के द्वारा केदारनाथ प्रांगण से जब ये कहा गया कि अगले एक दशक में जितने तीर्थ यात्री आयेंगे उतने पिछले सौ साल में भी नहीं आयेंगे होंगे. पीएम के इस कथन के बाद केदारनाथ में तीर्थ यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है . कोविड से पहले बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या केदारनाथ से ज्यादा हुआ करती थी इसके पीछे एक यह भी कारण है कि बद्रीनाथ में पैदल चढ़ाई नहीं करनी पड़ती.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी श्रद्धालुओं का जज्बा देखकर उनके स्वागत के लिए बहुत सी सुविधाएं बढ़ा दी हैं. शुरू में हर बार भीड़ ज्यादा होती है इस बार भी ऐसा ही था लेकिन अब सब अच्छे से दर्शन हो रहे है सब बाबा केदार, श्री बद्रीविशाल की कृपा है. श्रद्धालुओं की साल दर साल संख्या बढ़ती देख मुख्यमंत्री ने उनके लिए सुविधाएं बढ़ाने का ऐलान किया है.