Dehradun: भाजपा के राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सासंद डॉ. नरेश बंसल ने सोमवार से प्रभावी नए आपराधिक कानूनों को नए भारत के अपने कानून करार दिया और कहा कि भारत में न्याय का एक नया अध्याय प्रारंभ हो गया है. उन्होंने इसे भारत के इतिहास में स्वर्णिम क्षण बताया. देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया. डॉ. बंसल ने कहा कि आज पूरे देश में अंग्रेज शासनकाल से चले आ रहे कानूनों के स्थान पर सशक्त संहिताएं लागू हो गई हैं.
डॉ. नरेश बंसल ने कहा कि स्वतंत्र भारत के अपने कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) ने क्रमशः औपनिवेशिक (ब्रिटिश युग) युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और इंडियन एवीडेंस एक्ट का स्थान लिया है. आजादी के 77 वर्ष बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ हो रही है.
डॉ. नरेश बंसल ने कहा कि नए कानूनों के तहत प्राथमिकी दर्ज करना बहुत आसान हो गया है. नई संहिता महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से निपटने के लिए अधिक संवेदनशील है. नए कानून समय पर जांच पूरी करके सभी के लिए राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाले होंगे.
उन्होंने कहा कि नए कानून में दंड की जगह अब न्याय होगा. देरी के बजाय स्पीडी ट्रायल और त्वरित न्याय मिलेगा. पहले केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, लेकिन अब पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा की जाएगी. नए आपराधिक कानूनों में जांच, मुकदमे और अदालती कार्यवाही में प्रौद्योगिकी व तकनीक पर जोर दिया गया है. नाबालिग से रेप पर मौत की सजा मिलेगी. देश विरोधी गतिविधियों के लिए कड़ा कानून मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया. राजद्रोह को जड़ से समाप्त किया है.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि निश्चित रूप से ये तीनों कानून लागू होने के बाद देश में आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन होगा. केंद्र व राज्य सरकारें इन कानूनों को लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण तथा जागरुकता के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
हिन्दुस्थान समाचार