गुवाहाटी: असम में बाढ़ की स्थिति ने जटिल रूप ले लिया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, पहली जुलाई की तुलना में दो जुलाई की रात तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की संख्या में तेजवृद्धि हुई है. एक जुलाई तक राज्य के 19 जिले बाढ़ की चपेट में थे, लेकिन दो जुलाई की रात तक 28 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा मंगलवार देररात तक बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच पहुंचते रहे. आधी रात उन्होंने हातीमूड़ा में क्षतिग्रस्त हुए तटबंध का जायजा लिया. साथ ही राज्य के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका, शिक्षा मंत्री रनोज पेगू समेत कई मंत्री एवं विधायक स्थिति का जायजा लेने पहुंचे. बाढ़ग्रस्त जिलों में कामरूप, तामुलपुर, चिरांग, मोरीगांव, लखीमपुर, बिश्वनाथ, डिब्रूगढ़, करीमगंज, उदालगुड़ी, नगांव, बंगाईगांव, शोणितपुर, गोलाघाट, होजाई, दरंग, चराइदेव, नलबाड़ी, जोरहाट, शिवसागर, कार्बी आंगलोंग, ग्वालपाड़ा, धेमाजी, माजुली, तिनसुकिया, कोकराझाड़, बरपेटा और कछार शामिल हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन जिलों के 84 राजस्व सर्किलों के 2,208 गांव अब तक जलमग्न हो चुके हैं. इस बाढ़ में 11,34,446 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा 42,476.18 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है। इस बाढ़ से 8,32,099 मवेशी प्रभावित हुए हैं. प्रशासन की पहल पर अब तक 130 राहत शिविर लगाए जा चुके हैं. इन शिविरों में 18,459 बाढ़ पीड़ितों ने शरण ली है. इस वर्ष बाढ़ में अब तक 38 लोगों की मृत्यु होने संबंधी सूचना प्राप्त हुई है.
हिन्दुस्थान समाचार