भोपाल: मध्य प्रदेश के धार जिला मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक भोजशाला में हाईकोर्ट के निर्देश पर एएसआई सर्वे का पूरा हो चुका है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग की टीम ने यहां लगातार 98 दिन काम किया और अब इसकी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है. यह रिपोर्ट दो जुलाई को कोर्ट में पेश करनी थी, लेकिन एएसआई की ओर से कोर्ट में चार सप्ताह का अतिरिक्त समय रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मांगा गया है. मामले की सुनवाई आज (गुरुवार को) होगी.
अब कोर्ट तय करेगी कि एएसआई को रिपोर्ट पेश करने के लिए समय दिया जाए अथवा नहीं. इधर, जैन समाज की एक संस्था के पदाधिकारी की ओर से दाखिल याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी. इसमें उन्होंने भोजशाला के जैन समाज का स्थल होने का दावा किया है.
फिलहाल रिपोर्ट बनाने को लेकर कार्य तेजी से जारी है. भोजशाला में करीब सवा तीन माह चले एएसआई सर्वे की रिपोर्ट गहन होगी, जिसमें सर्वे के दौरान मिले पुरावशेषों के बारे में विस्तृत व शोधपरक जानकारी शामिल की जाएगी. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अकेले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया हैदराबाद ने ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) की रिपोर्ट पर ही 650 स्लाइड तैयार की हैं. बुधवार को भी एएसआई की टीम भोजशाला पहुंची थी.
हिन्दू पक्षकार भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट में व्यापकता रहेगी. एएसआई की टीम ने 194 स्तंभों के 8-8 फोटो लिए हैं. यह तो केवल एक उहाहरण मात्र है. इस तरह से कई भागों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की गई है. शिलालेखों का अनुवाद किया गया है. सर्वे में प्राप्त करीब 1700 अवशेषों की विशेषज्ञों की रिपोर्ट है. इस तरह से रिपोर्ट व उसके सहयोगी दस्तावेज हजारों पेज में पहुंचने का अनुमान है, इसलिए समय भी लग रहा है. अभी भी टीम धार के साथ भोपाल व दिल्ली में भी समानांतर रिपोर्ट बनाने के कार्य में जुटी हुई है.
हिन्दुस्थान समाचार