Delhi Kedarnath Dham: देवभूमि उत्तराखंड की तर्ज पर दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर का मामला पर दिन गर्माता जा रहा है, जहां एक तरफ इससे संत समाज आपत्ति जता रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी हमलावर है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ वक्त पहले ही दिल्ली के बुराड़ी के हिरंकी में स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया जिसके बाद से ही इस पर विवाद होना शुरू हो गया. भूमि पूजन के दौरान केंद्रिय परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा, स्वामी राजेंद्रानंद, गोपाल मणि महाराज, अल्मोड़ा सल्ट से विधायक महेश जीना जैसे कई राजनीतिक चेहरे मौजूद थे.
इस बयान पर खड़ा हुआ विवाद
दरअसल कार्यक्रम के दौरान केदारनाथ धाम बुराड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष की तरफ से एक बयान दिया गया जिस पर विवाद उठ खड़ा हुआ. उन्होंने उस दौरान कहा कि जो बुजुर्ग हैं और केदारनाथ धाम नहीं जा पाते वो अब दिल्ली में रहकर ही बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं. इस बयान को लेकर संत समुदाय के साथ विपक्ष की तरफ से भी आपत्ति जताई गई.
इस पर जगदगुरू अविमुक्तेश्वारनंद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जिस धाम को आदि गुरू शंकराचार्य ने बनाया है उनके जैसा नहीं बनाया जा सकता है. वहीं इस मामले पर केदारनाथ धाम के पुजारी शिव शंकर लिंग का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ साक्षात हिमालय की धरा पर बसा हुआ है. जिसका अपना धार्मिक महत्व है. इसके बाबजूद दिल्ली में जाकर अन्य केदारनाथ का शिलान्यास करना हितकारी नहीं है.
बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी (हिरंकी) में केदारनाथ का प्रतिकात्मक मंदिर बनाने का कार्य केदारनाथ ट्र्स्ट कर रहा है, यह मंदिर कितनी तेजी से बन रहा है इसका अंदाजा दिल्ली में लगे होर्डिंग्स से लगाया जा सकता है. वहीं इस बीच कांग्रेस भी लगातार विवाद को हवा दे रही है. पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया कि उस दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी दिल्ली पहुंचने के साथ मंदिर ट्रस्ट को केदारनाथ से शिला लेकर जाने की भी अनुमति दे दी जोकि उचित नहीं है. इस पर सीएम धामी का भी बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि केदारनाथ का ज्योतिर्लिंग पूरे विश्व में एक ही हो सकता है. कोई भी उनका स्थान बदल नहीं सकता, कई स्थानों पर इनकी प्रतिक्रति बनाई जा सकती है मगर श्री केदार का ज्योतिर्लिंग एक ही है जिसका स्थान कोई और नहीं ले सकता.