Kanwar Yatra 2024: श्रावन का महिना 22 जुलाई से शुरू हो जाएगा, जिसके साथ पहले दिन से ही कावड़ यात्रा का शुभारंभ होगा. श्रद्धालु कावंड़िए भी हरिद्वार के लिए चल पड़ेंगे. इस सब से पहले यूपी सरकार का एक बड़ा आदेश बहुत विवाद में चल रहा है.
क्या है सरकार का आदेश
सरकार का कहना है कि कावड़ रूट के सभी दुकानों व ठेले वालों को अपनी दुकानों , ठेलों पर अपनी पहचान के लिए
नाम लिखना होगा जिससे कावंड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से खरीदारी कर रहें हैं. सीएम योगी के इस आदेश को तमाम विवादों का सामना करना पड़ा. सीएमओ का यह मानना है कि, कावंड़ यात्रीयों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह आदेश दिया गया है और साथ ही कहा गया है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी करवाई की जाएगी.
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सरकार के इस फैसले का खुलकर दिया समर्थन
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सीएम योगी के इस फैसले का खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि हमें मुस्लिम धर्म से कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन देशभर से हरिद्वार जाने वाले कांवड़ियों को मुजफ्फरनगर से होकर जाना पड़ता है. ऐसे में कई लोग अपनी दुकान- रेस्टोरेंट, ठेले और ढाबों के नाम हिंदू धर्म पर रखते हैं, जबकि असल में वह मु्स्लिम धर्म से होते हैं. अपनी दुकानों के बाहर शुद्द शाकाहारी भोजन , प्यॉर वेज का ठप्पा लगाकर अंदर नॉनवेज बेचते हैं. सोशल मीडिया पर कई ऐसी वीडियो वायरल हुई हैं. जिसमें लोग रोटी के ऊपर और रेस्टोंरेंट पर थूकते हुए नजर आ रहे हैं. हमें मुस्लिम लोगों से किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हमें शुद्ध शाकाहारी बोलकर नॉनवेज बेचने वाले लोगों से आपत्ति है. प्रशासन का मानना है कि कांवड़ यात्रिओं की भावनाओं को ठेस न पहुंचे , इसके लिए यह कदम उठाया गया है.
मुजफ्फरनगर प्रशासन ने बदली बाजारों की तस्वीर
मुजफ्फरनगर प्रशासन ने कावड़ यात्रा के दौरान एक आदेश जारी किया जिसमें यह अपील की गई थी कि सभी दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपनी पहचान बतानी है. यह आदेश मुजफ्फरनगर SSP की ओर से जारी किया गया था. इस आदेश के मुताबिक दुकान पर दुकानदारों का स्पष्ट नाम लिखा होने से असमंजस की स्थिति कम की जा सकती है. इस आदेश में पुलीस की तरफ से यह दलील दी गई कि, सावन के पवित्र महीने में कई लोग खानपान में कुछ खाद्य समान का परहेज रखते हैं, खासकर की कावंड़ यात्री. पुर्व में इस तरह की कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन हो चुकी है जिसको रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. पुलिस की इस दलील के चलते उनका मकसद केवल श्रद्धालुओं की सुवीधा को बनाए रखना है. युपी पुलिस के इस आदेश का असर भी दिखना शुरू हो गया है, मुजफ्फरनगर की दुकान, होटल और ठेलों पर लोगों ने अपनी नाम की पट्टी लगा दी है. प्रशासन की दलील है कि यह आदेश कावंड़ यात्रियों की धार्मिक भावनाओं को किसी भी तरह के आहत से बचाने के लिए जारी किया गया है.
विपक्ष ने जताई नाराजगी
सरकार के इस आदेश पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन आवैसी पहले ही कह चुके हैं कि ऐसा करके वे मुसलमानों को कांवड़ यात्रा से दूर कर रहें हैं और एक ‘भेदभावपूर्ण’ तत्व को जन्म दे रहे हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश कि सरकार पूरे देश में मुसलमानों को ‘ दुसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है. हाल ही में आए इस आदेश पर अखिलेश ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि यह ‘ सामाजिक अपराध’ है और अदालतों में इस मामले का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए.
विश्व हिंदू परिषद का समर्थन
गुरूवार को विश्व हिंदू परिषद ने विपक्ष की आलोचना की और कहा की यह आदेश हिन्दूओं की आस्था की रक्षा के लिए आवश्यक है. हिन्दू संगठनों का आरोप था कि कुछ दुकानदार नाम बदलकर ,अपनी पहचान छुपा कर दुकान चलाते हैं. इससे कावंड़ियों की धार्मिक भावनाएं आहत होती है. विहिप प्रवक्ता ने कहा कि अगर दुकानदार अपनी पहचान और नाम बताकर कारोबार करेंगे तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी. उन्होंने पूछा, “आप (दुकानदार) अपनी पहचान छिपाकर क्या करना चाहते हैं ?”
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले से होते हुए कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग अलग जिलों में हर साल 4 करोड़ कांवड़िए कांवड़ लेकर जाते हैं. शिव भक्ति की यात्रा का काउंटडाउन शुरू हो गया है और इस पुलिस के आदेश के साथ यात्रा से ये विवाद जुड़ गया है.