नई दिल्ली: यूक्रेन से संघर्ष के चलते भारत को रूस से दो एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम 2026 में मिलेंगे. वायु सेना ने अब तक मिले 03 सिस्टम की क्षमताओं का ट्रायल शुरू कर दिया है. वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीनी सेना ने बड़े पैमाने पर वायु रक्षा प्रणालियां की तैनाती की गई हैं, जिसके जवाब में भारत ने भी दो एस-400 स्क्वाड्रन को पूर्वी और उत्तरी सीमा पर तैनात किया है. तीसरी स्क्वाड्रन को पंजाब में इस तरह से तैनात किया गया है, ताकि पाकिस्तान की सीमा के साथ-साथ उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों को भी कवर किया जा सके.
यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस अब तक भारत को 3 एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति कर चुका है, जबकि दो सिस्टम अभी मिलने हैं. चौथी प्रणाली मार्च, 2026 में और पांचवीं प्रणाली 2026 के अंत तक पहुंचाई जाएगी. यह दो साल की देरी यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं के कारण हुई है. भारतीय वायु सेना ने भगवान कृष्ण के शक्तिशाली सुदर्शन चक्र के नाम पर एस-400 को ‘सुदर्शन’ नाम दिया है. वायु सेना ने अब इस मिले तीन सिस्टम को पूरी तरह से एकीकृत कर लिया है. वायु सेना ने अब तक मिले 03 सिस्टम की क्षमताओं का ट्रायल शुरू कर दिया है.
वायु सेना और भारतीय सेना ने पिछले साल अक्टूबर में चीन की सीमा से लगे उत्तर पूर्व क्षेत्र में ‘आकाश पूर्वी’ अभ्यास किया, जिसमें सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी के रूसी एस-400 को भी शामिल किया गया था. इसके बाद अभी हाल ही में एक हवाई अभ्यास के दौरान एस-400 सिस्टम ने ‘दुश्मन’ के 80 फीसदी लड़ाकू विमानों को मार गिराया. रूस में बने इस भारतीय एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने अन्य टारगेट को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया, जिससे उनके मिशन रद्द हो गए. इन दोनों मेगा हवाई अभ्यासों में सुखोई-30 एमकेआई, राफेल, स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस और अटैक हेलीकॉप्टर एलसीएच प्रचंड के साथ-साथ जमीनी सैनिक भी शामिल थे.
भारतीय वायु सेना ने हाल ही में एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की क्षमताओं का आकलन करने के लिए एक थिएटर में अभ्यास किया, जहां लंबी दूरी की एस-400 के एक स्क्वाड्रन को तैनात किया था. इस अभ्यास के दौरान असली लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे थे, जिसे ‘सुदर्शन’ ने नकली कार्रवाई में ‘लॉक ऑन’ और ‘टारगेट’ करके ‘दुश्मन’ के 80 फीसदी आक्रामक पैकेज को मार गिराने की क्षमता दिखाई. इसके बाद अन्य बचे विमानों ने अपने मिशन को रद्द कर दिया, जिन्हें भारतीय क्षेत्र के भीतर अपने लक्ष्यों पर ‘हमला’ करना था.
चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को ताकतवर रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की बहुत जरूरत थी. भारत ने रूस के साथ पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये में सौदा किया था, जिसे रूस और भारत के रक्षा मंत्रियों ने 06 दिसंबर, 2021 को अंतिम रूप दिया था. भारतीय वायु सेना ने हाल के वर्षों में अपनी वायु रक्षा क्षमताओं में काफी सुधार किया है. वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीनी सेना ने बड़े पैमाने पर वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती की गई है, जिसके जवाब में भारत ने भी दो एस-400 स्क्वाड्रन को पूर्वी और उत्तरी सीमा पर तैनात किया है. तीसरी स्क्वाड्रन को पंजाब में इस तरह से तैनात किया गया है, ताकि पाकिस्तान की सीमा के साथ-साथ उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों को भी कवर किया जा सके.
हिन्दुस्थान समाचार