नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के हिन्द-प्रशांत से जुड़े QUAD समूह के विदेश मंत्रियों की सोमवार को टोक्यो में बैठक हुई. इस बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में हिन्द-प्रशांत में यथास्थिति को बदलने की कोशिश, आतंकवाद और यूक्रेन, म्यांमार तथा गाजा की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई.
Addressing the press alongside FM @Kamikawa_Yoko, @SecBlinken and FM @SenatorWong after the Quad Foreign Ministers Meeting in Tokyo today.
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 29, 2024
संयुक्त वक्तव्य में चीन की ओर इशारा करते हुए कहा गया कि QUAD स्वतंत्र और खुले नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के लिए एकजुट है. क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि में योगदान देने में सभी देशों की भूमिका है. हम चाहते हैं कि क्षेत्र में किसी भी देश का प्रभुत्व न हो. किसी भी प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से संभाला जाए और प्रत्येक देश जोर-जबरदस्ती से मुक्त हो.
बैठक में जापान की विदेश मंत्री कामिकावा योको, आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भाग लिया.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैठक के बारे में एक्स पर कहा कि इसका एक विस्तृत एजेंडा रहा, जिसमें समुद्री साझेदारी को बढ़ावा देना, कनेक्टिविटी बढ़ाना, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना, बातचीत का समर्थन करना और ग्लोबल साउथ के साथ प्रौद्योगिकी के लाभ साझा करना शामिल था. उन्होंने कहा कि QUAD एक मंच है जो व्यावहारिक परिणाम उत्पन्न करता है. इसमें स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक, नियम आधारित व्यवस्था और वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम करने वाली लोकतांत्रिक राजनीति, बहुलवादी समाज और बाजार अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं.
Concluded an extremely productive and detailed Quad Foreign Ministers’ Meeting today in Tokyo. Thank @Kamikawa_Yoko, @SecBlinken and @SenatorWong for sharing their assessments.
Quad today
➡️ is systemically embedded in our respective foreign policies.
➡️ has an expansive… pic.twitter.com/tTVyedn6ak
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QUAD देश पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति के बारे में गंभीर रूप से चिंतित हैं और बलपूर्वक या जबरदस्ती यथास्थिति को बदलने की कोशिश के किसी भी एकतरफा कार्रवाई के प्रति अपना कड़ा विरोध दोहराते हैं. विवादित सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती व डराने वाले युद्धाभ्यास के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं.
संयुक्त वक्तव्य में 26/11 के मुंबई और पठानकोट हमलों सहित आतंकवादी हमलों की निंदा की गई है. साथ ही मांग की गई है कि हमलों के अपराधियों को बिना किसी देरी के न्याय के कटघरे में लाया जाए. सभी देशों से आग्रह किया गया है कि वे अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र को आतंकवादी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने से रोकने के लिए तत्काल, निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करें.
वक्यव्य में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और इसके भयानक तथा दुखद मानवीय परिणामों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की गई है. दोहराया गया है कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप एक व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की आवश्यकता है.इसके अलावा रखाइन सहित म्यांमार में बिगड़ती राजनीतिक, सुरक्षा और मानवीय स्थिति पर चिंता जतायी गई. गाजा में बड़े पैमाने पर नागरिकों की जान का नुकसान और मानवीय संकट को अस्वीकार्य बताया गया है. मांग की गई है कि हमास सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करे.
ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के हिन्द-प्रशांत से जुड़े क्वाड समूह के विदेश मंत्रियाें की सोमवार को टोक्यो में बैठक हुई. इसमें इन नेताओं ने वैश्विक भलाई के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को संरक्षित और मजबूत करने की प्रतिबद्धता, सामान्य सिद्धांतों और क्षमताओं की पुष्टि की.
हिन्दुस्थान समाचार