Champawat: विवाह के तीन माह बाद ही पत्नी को गला घोंट कर मौत के घाट उतारने के मामले में स्थानीय कोर्ट ने पति को दोषी पाया है. कोर्ट ने पति की मां को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया है. हत्यारोपित पति निर्वाचन विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत था.
पुलिस केस के अनुसार खेतीखान के डिंग्डवाल गांव निवासी राजेंद्र सिंह बोहरा की पुत्री किरन का विवाह 10 मार्च 2021 को पाटन पाटनी के कुलदीप सिंह बिष्ट के साथ विवाह हुआ था. शादी के 3 माह से भी कम समय में 6 जून को किरन की गला घोंटकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने इस मामले में किरण के पति व चम्पावत निर्वाचन विभाग में लिपिक कुलदीप सिंह बिष्ट और उसकी मां हीरा देवी के खिलाफ लोहाघाट थाने में मुकदमा दर्ज किया था.
पुलिस ने दोनों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया. लगभग तीन साल तक चली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों के गवाह, तमाम साक्ष्य के परीक्षण के बाद 29 जुलाई को फैसला सुनाया. जिला जज अनुज कुमार संगल ने अपने आदेश में किरण के पति कुलदीप सिंह बिष्ट को दोषी करार दिया. कोर्ट ने कुलदीप की मां हीरा देवी को हत्या के आरोप से बरी कर दिया. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता डीजीसी विद्याधर जोशी ने बताया कि कोर्ट कुलदीप सिंह को 3 अगस्त को सजा सुनाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार