नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने महाराष्ट्र की विवादित प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने 1 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
बुधवार को सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील बीना माधवन ने कहा कि इस मामले में शिकायत यूपीएससी की तरफ से की गई है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पूजा के गिरफ्तार होने की आशंका है. माधवन ने कहा कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी हैं, जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार मिले हैं.
माधवन ने यूपीएससी की शिकायत को कोर्ट में पढ़ा, जिसमें कहा गया था कि खेडकर ने अपना नाम बदलकर यूपीएससी की परीक्षा में तय सीमा से अधिक अटेम्ट हासिल किए. यूपीएससी का कहना है कि उन्हें पूजा के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं लेकिन पूजा ने कोई जानकारी नहीं छिपाई है. जहां तक ज्यादा अटेम्प्ट की बात है तो उन्होंने भूलवश संख्या गलत बताई. माधवन ने पूजा खेडकर का विकलांगता प्रमाण पत्र कोर्ट के सामने रखते हुए बताया कि यह सर्टिफिकेट आठ डॉक्टरों ने बनाया है, जो एम्स का बोर्ड है. माधवन ने कहा कि पूजा खेडकर के माता-पिता का तलाक हो चुका है. उन्होंने सवाला उठाया कि उसके खिलाफ यह सब क्यों किया जा रहा है, क्योंकि वह एक महिला है, क्योंकि वह दिव्यांग है.
दरअसल, कुछ दिन पहले वर्ष 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर सत्ता के दुरुपयोग और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए आरक्षण का लाभ लेने जैसे कई आरोप लगे थे. इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर के खिलाफ सभी आरोपों की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया था. एक सदस्यीय पैनल ने 27 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंप दी थी. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उसने यूपीएससी परीक्षा में बैठने से पहले खुद को ओबीसी श्रेणी का बताते हुए एक फर्जी प्रमाणपत्र लगाया था. पूजा खेडकर पर आरोप है कि जाति आरक्षण का लाभ लेने के लिए घुमंतु जनजाति-3 श्रेणी के तहत भर्ती किया गया था, जो केवल बंजारी समुदाय के लिए आरक्षित है. पूजा खेडकर पर ये भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था.
पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं. कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दिया और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया. लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंचीं. 18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था. पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थीं. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
हिन्दुस्थान समाचार