देहरादून: प्रभावित राज्य उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग समेत केदारनाथ धाम में अब स्थिति सामान्य है. केदार घाटी में रविवार को 1275 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया. अब तक कुल 10374 लोगों को वापस लाया गया है. इसके लिए कुल 1160 कार्मिक रेस्क्यू कार्य कर रहे हैं. राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन एंव पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार घाटी आपदा में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ बचाव-राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं. रेस्क्यू व खोज-बचाव कार्य लगातार जारी है. उन्होंने बताया कि केदारनाथ तथा रास्ते में ऊपर की ओर लगातार घने बादल छाए हैं. इस कारण रेस्क्यू कार्य में व्यवधान हो रहा है. भारतीय वायुसेना का चिनूक हेलीकॉप्टर मौसम खराब होने के कारण अभी तक एक भी उड़ान नहीं भर पाया है. जबकि एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी खराब मौसम के कारण अभी तक केवल तीन उड़ान भर सका है. ऐसे में छोटे हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है. इसके लिए पांच हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं.
केदारघाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है जिसके फलस्वरुप अभी तक हजारों लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। आपदा के कारण बंद हुई सड़कों को पुनः सुचारु रूप से चलाने के लिए हम तेजी से कार्य कर रहे हैं। pic.twitter.com/hIj9xKLbJh
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 4, 2024
गौरीकुंड से सुरक्षित निकाल लिए गए सभी यात्री, केदारनाथ और लिंचौली में अभी 400 यात्री फंसे वर्तमान में गौरीकुंड से सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. गौरीकुंड में अब कोई भी यात्री शेष नहीं है. वर्तमान में वहां स्थानीय निवासी, दुकानदार, डोली-पालकी संचालक, घोड़े-खच्चर संचालक आदि रह रहे हैं. भीमबली तथा लिंचौली से भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है. वर्तमान में लिंचौली में लगभग 50 यात्री रूके हैं. केदारनाथ धाम में लगभग 350 यात्री रूके हैं. केदारनाथ धाम में लगभग 350 लोगों के अलावा तीर्थपुरोहित, दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी-डोली संचालक, घोड़े-खच्चर संचालक आदि हैं. जो भी लोग नीचे आना चाहते हैं, मुख्यमंत्री धामी ने उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किए जाने के निर्देश दिए हैं.
आपदा में फंसे लोगों के लिए खाद्य सामग्री की समुचित व्यवस्था केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर रूके लोगों को खाने-पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है. आश्रय की भी व्यवस्था की जा रही है. सोनप्रयाग में अभी तक 12600 खाने के पैकेट 10570 पानी की बोतल, 1000 फ्रूटी, 1000 बिस्किट के पैकेट वितरित किए गए हैं. 1198 लोगों को लंच तथा 250 लोगों को डिनर की व्यवस्था कराई गई. सिरसी में 3200 खाने के पैकेट तथा 12860 पानी की बोतल तो मुनकटिया, गौरीकुंड, चारधाम हेलीपैड चौमासी, केदारनाथ हेलीपैड पर अब तक लगभग 18650 खाने के पैकेट तथा 27930 पानी की बोतल वितरित की गई है. वर्तमान में केदारनाथ में 15 से अधिक दिनों के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध है. भीमबली में सात क्विंटल चावल, 2.50 क्विंटल आटा, 2.50 क्विंटल दाल, चायपत्ती, पर्याप्त मात्रा में पानी की बोतल, मसालें, ड्राईफूट आदि सामग्री हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई है.
खोज-बचाव कार्य में आएगी तेजी, बढ़ाई गई मानव शक्ति मुख्यमंत्री धामी ने खोज-बचाव व राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में खोज-बचाव तथा राहत कार्यों में 278 मानव शक्ति बढ़ाई गई है. अभी तक कुल 882 लोग कार्य कर रहे थे. अब कुल 1160 कार्मिक कार्य कर रहे हैं.
जिन लोगों से परिजनों का सम्पर्क नहीं हो पा रहा, उनके लिए विशेष अभियान गत 31 जुलाई को अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल यात्रा मार्ग पर दूरसंचार सेवाएं बाधित हुई थी. इस कारण कुछ लोग इस बारे में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे. दो अगस्त से केदारनाथ में व्हाट्सएप कॉल करने की सुविधा दी गई है. तीन अगस्त से गौरीकुंड में बीएसएनएल की दूरसंचार सेवा बहाल कर दी गई है. जिन लोगों से संपर्क नहीं होने की बात की जा रही थी, पुलिस ने ऐसे लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया और अधिकांश लोगों से संपर्क हुआ. अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं पुलिस-प्रशासन ने यात्रियों और उनके परिजनों के लिएहेल्पलाइन नंबर- लैंडलाइन 01364.233727, 297878-297879, मोबाइल- 7579257572, 8958757335, 7579104738 जारी किया है. यदि अभी भी कुछ लोग ऐसे पाए जाते हैं जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है तो उसका एक कारण यह हो सकता है कि वह कहीं रास्ते में हो अथवा उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया हो.
स्निफर डॉग की ली जा रही मदद हालांकि एहतियात के तौर पर गौरीकुंड से केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बृहद स्तर पर खोजबीन की जा रही है. खोज-बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस-प्रशासन तथा यात्रा मैनेजमेंट टास्क फोर्स के लोगों को लगाया गया है. स्निपर डॉग की भी मदद ली जा रही है.
सेना की मदद से शटल ब्रिज का निर्माण शुरू आपदा में सोनप्रयाग में शटल ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था. रविवार को सेना के 141 जवानों ने सोनप्रयाग में ट्राली लगाने के लिए कार्य आरंभ कर दिया है.
पशुओं के लिए भी कोई कमी नहीं आपदा में मुख्यमंत्री का पशु प्रेम भी सामने आया है. केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर घोड़े तथा खच्चरों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा, चना, गुड़ आदि उपलब्ध कराया जा रहा है. हेलीकॉप्टर से भी पशुओं के लिए चारा आदि भेजा गया है. पशु चिकित्सा विभाग की सात टीमें विभिन्न स्थानों पर भेजी गई हैं.
रेस्क्यू के उपरांत सेहत का भी ख्याल रेस्क्यू के दौरान व रेस्क्यू के उपरांत लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी यात्री को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर ससमय समुचित इलाज किया जा सके.
हिन्दुस्थान समाचार