Dehradun: आपदा से उबरने के प्रयास में उत्तराखंड सरकार लगातार प्रयासरत है. केदार घाटी में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आपदा में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज एवं बचाव तथा राहत कार्य कराए जाने के निर्देश दिए हैं.
#WATCH सोनप्रयाग, रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): सोनप्रयाग में कुछ दिन पहले बादल फटने की घटना के बाद लगातार बचाव अभियान जारी है। pic.twitter.com/AdGneH95VY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 6, 2024
आपदा में फंसे 11775 यात्री अब तक सुरक्षित निकाले जा चुके हैं. वर्तमान में गौरीकुंड और लिंचौली में कोई भी यात्री शेष नहीं है. यहां से सभी यात्री सुरक्षित निकाल लिए गए हैं. वर्तमान में केदारनाथ धाम में लगभग 50 यात्री स्वेच्छा से रुके हैं. सोमवार को खोजबीन अभियान के दौरान गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग के बीच मलबे में एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया. शव की पहचान गौतम पुत्र संजय निवासी जगाधरी यमुनानगर हरियाणा के रूप में हुई है.
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि गत 31 जुलाई को आई आपदा में अब तक 11775 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. केदारनाथ धाम मार्ग पर सोमवार की सुबह मौसम साफ होने पर भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने दो चक्कर लगाकर 65 यात्रियों व एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने तीन चक्कर लगाकर 61 यात्रियों तो स्टेट हेली ने 10 कुल 136 यात्रियों का रेस्क्यू किया है. इसके अलावा लगभग 509 लोगों को केदारनाथ धाम से लिंचौली तक पैदल लाकर लिंचौली से इनको हेलीकॉप्टर से चारधाम हेलीपैड, सिरसी हेलीपैड आदि स्थानों पर पहुंचाया गया. इधर, गौरीकुंड से सोनप्रयाग होते हुए 584 तथा चौमासी के रास्ते 172 यात्रियों को निकाला गया. इस प्रकार सोमवार को कुल 1401 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया.
हिन्दुस्थान समाचार