शिमला: हिमाचल प्रदेश में तबाही मचा रहा मानसून अभी और तल्ख तेवर दिखाएगा. राज्य के आधे से ज्यादा जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है. मौसम विभाग ने राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों के लिए अगले छह दिन तक जोरदार बारिश का ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किया है.मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक अगले 24 घंटे यानी सात अगस्त को ऑरेंज, आठ व नौ अगस्त को येलो, 10 अगस्त को ऑरेंज और 11 व 12 अगस्त को येलो अलर्ट जारी किया गया है, ऑरेंज अलर्ट के दौरान येलो अलर्ट से भी ज्यादा वर्षा होने से भूस्खलन व फ्लैश फ्लड की आशंका रहती है. इसे देखते हुए स्थानीय लोगों और बाहर से आने वाले पर्यटकों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. लोगों से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने की अपील की गई है. साथ ही नदी-नालों से भी दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में बादलों के बरसने से हुए भूस्खलन के कारण दो नेशनल हाइवे समेत 85 सड़कें बंद हैं. इसके अलावा 116 बिजली ट्रांसफार्मर और 65 पेयजल स्कीमें भी ठप हैं. मंडी में 35, कुल्लू में 20, शिमला में आठ, लाहौल-स्पीति में छह, कांगड़ा व सिरमौर में पांच-पांच, किन्नौर में चार व चम्बा में दो सड़कें बंद हैं. किन्नौर में नेशनल हाइवे-5 और लाहौल-स्पीति में नेशनल हाइवे 505 अवरुद्ध है। मंडी में 103 ट्रांसफार्मर बंद होने से बिजली गुल है. वहीं कुल्लू जिला में 53 पानी की स्कीमें ठप हैं.
बीती रात भरवीं में 66, घाघस में 56, जोगिन्दरनगर में 53, सलापड में 52, गोहर में 46, ऊना में 40 और बिलासपुर में 35 मिलीमीटर वर्षा हुई.
मलाणा में फंसे 11 पर्यटकों को किया रेस्क्यू
इस बीच कुल्लू जिला के मलाणा नाला में 31 जुलाई की रात्रि बादल फटने के कारण मची तबाही के चलते मलाणा में फंसे लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. सोमवार सुबह ही रेस्क्यू टीम मलाणा की तरफ रवाना हो गई थी और दिनभर के सफर के बाद उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू किया गया. एसडीम कुल्लू विकास शुक्ला ने बताया कि 11 पर्यटकों को मंगलवार को मलाणा से रशोल के रास्ते से रेस्क्यू कर कसोल पहुंचाया गया है. जिनकी रहने, खाने की व्यवस्था कसोल में की गई है. उन्होंने बताया कि इस अभियान में स्थानीय रेस्क्यू दल लिटल रेबल्स का अहम सहयोग रहा.
समेज में लापता लोगों की तलाश में अभियान जारी
शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र के समेज में बादल फटने के बाद लापता लोगों की छठे दिन भी तलाश जारी रही है. बचाव दलों ने सोमवार को सुन्नी डैम के समीप डोगरी से दो शव बरामद किए थे. दोनों शव क्षत-विक्षत अवस्था में बरामद किए हैं और इनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है. इससे पहले रविवार को रामपुर में सतलुज नदी किनारे भी दो शव मिले थे. हालांकि अभी तक मिले शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. प्रशासन द्वारा शवों की शिनाख्त के लिए बाढ़ पीड़ितों के डीएनए सैम्पल लिए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि बीते 31 जुलाई की मध्यरात्रि बादल फटने के कारण आई बाढ़ से समेज गांव में भारी तबाही हुई है. हादसे में कई घर, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र भी बह गया था. हादसे के बाद 36 लोग लापता हो गए. बचाव टीमें पिछले पांच दिन से लातपा लोगों की तलाश में जुटी हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू न प्रभावित परिवार को 50 हजार रुपये की राहत राशि और किराए पर मकान के लिए पांच हजार रुपये देने की घोषणा की है.
हिन्दुस्थान समाचार