बांग्लादेश इन दिनों दंगों की आग में जल रहा है, शेख हसीना ने इस्तीफ देकर देश छोड़ दिया. इस पर निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन की तरफ से अपना रिएक्शन सामने आया है. नसरीन ने कहा कि हसीना ने चंद इस्लामवादियों की खुकी के लिए उन्हें बांग्लादेश से बाहर कर दिया था और वही लोग आंदोलन का हिस्सा भी थे आज उन्होंने ही उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है.
बता दें कि सांम्प्रदायिक्ता की कट्टर आलोचक और बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके शेख हसीना और प्रदर्शनकारियों के बारे में अपना रिएक्शन दिया है. तस्लीमा नसरीन ने कहा हसीना ने इस्लामी कट्टरपंथियों की खुशी के लिए मुझे 1999 में देश से निकाल दिया था. जब तसलीमा की मां की मृत्यु हो गई थी तब भी उन्हें बांग्लादेश में नहीं प्रवेश करने दिया था. आज भले ही समय बदल गया है मगर आंदोलन करने वाले वही कट्टरपंथी छात्र आंदोलन से जुड़े हैं. उन्होंने हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है.
तसलीमा नसरीन को इस्लामिक कट्टरपंथियों पर लिखने के चलते उन्हें देश में प्रतिबंधित कर दिया गया था. इसके बाद वो भारत में आकर रहने लगी और तब से वो यहीं रह रही हैं. एस अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि हसीना को इस्तीफा देकर देश को छोड़ना पड़ा मगर अपनी इस हालत के लिए वो खुद ही जिम्मेदार भी हैं. उन्होंने ही कट्टरपंथ को देश में फलने-फूलने दिया, उन्हें भष्टाचार करने दिया. साथ ही तसलीमा ने कहा कि बांग्लादेश को पाकिस्तान की राह पर नहीं चलना चाहिए वहां सेना का शासन नहीं होना चाहिए.