रुद्रप्रयाग: केदारघाटी आपदा के छठवें दिन मंगलवार को कठिन विपरीत परिस्थितियों के बीच केदारनाथ पैदल मार्ग से रेस्क्यू अभियान चल रहा है. खराब मौसम हाेने से हैली सेवाओं से अब तक रेस्क्यू शुरू नहीं हो सका है. केदारनाथ से भीमबली के लिए करीब 150 स्थानीय लोगों को रवाना किया गया है.
केदारघाटी में मौसम का मिजाज मंगलवार को सुबह 10 बजे तक ठीक नहीं हुआ है. विजिबिलिटी बाधित होने के चलते हैली सेवाओं से अब तक रेस्क्यू शुरू नहीं किया जा सका है. मंगलवार को करीब 150 स्थानीय लोगों को केदारनाथ से भीमबली के लिए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की देखरेख में रवाना किया गया है. जंगलचट्टी से भी 161 लोगों को एनडीआरएफ की टीम चीरबासा लेकर पहुंच रही है. वहीं सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर सेना के बनाए गए पैदल पुल का निर्माण पूरा होने से भी रेस्क्यू एव राहत कार्यों में बड़ी राहत मिली है.
गौरीकुंड के बीच वाशआउट एरिया व अन्य क्षतिग्रस्त मार्गों पर कार्य शुरू
उधर, सड़क व पैदल मार्गों के पुनर्स्थापन के लिए कार्य तेजी से चल रहा है. विभिन्न स्थानों पर पीडब्लूडी की टीम की निगरानी में पैदल यात्रा मार्गों का निर्माण शुरू हो गया है. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट एरिया व अन्य क्षतिग्रस्त मार्गों पर कार्य शुरू कर चुके हैं. रेस्क्यू कर रहे बचाव कर्मियों को पंडा पुरोहितों और गांव के आम लोग भी अपना सहयोग दे रहे हैं. केदारनाथ गुप्तकाशी सोनप्रयाग में सड़क के किनारे नजदीकी गांव के पंडा पुरोहितों ने श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था की गई है. पंडा पुरोहितों और सेना के जवानों को अपने बीच पाकर यहां यात्रा पर आए तीर्थयात्री भावुक होकर इन लोगों को धन्यवाद दे रहे हैं,
केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि छह दिन से केदार सभा की ओर से श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है.
हिन्दुस्थान समाचार