नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में पिछले 17 महीनों से जेल में बंद मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है. देश की सर्वेच्च अदालत ने आज उन्हें अदालत पर रिहा करने का आदेश दिया है. मगर मामला चलने तक फिलहाल अपना पासपोर्ट उन्हें जमा करना होगा. पिछले लंबे वक्त से मनीष सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिग और आबकारी घोटाले में आरोपी पाए जाने के चलते तिहाड़ दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथ की तरफ से इस मामले की सुनवाई की गई, इस दौरान कोर्ट ने सीबीआई और ईडी दोनों ही मामलों में जमानत दे दी है. न्यायालय की तरफ से कहा गया कि जमानत के मामले में पिछले लंबे वक्त से हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट गेम खेल रहे हैं. जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता, साथ ही जमानत के लिए कई शर्ते भी रखी गई हैं जिन्हें मनीष सिसोदिया को पूरा करना पड़ेगा.
कोर्ट की तरफ से कहा गया कि सीबीआई ने 13 और ईडी ने 14 अर्जियां दाखिल की गई थी जिन्हें मंजूर भी किया गया था. इस मामले में मनीष की अर्जियों की वजह से ट्रायल शुरु करने में देरी की बात बोली गई थी. कोर्ट इस बात से सहमत नहीं है कि इस वजह को ट्रायल में देरी की वजह बताया गया है. इस मामले में ईडी की तरफ से चार्जशीट दायर हो चुकी है ऐसे में जब जुलाई में ही जांच हो चुकी है तो ट्रायल में देरी क्यों हुई इस बात पर सवाल खड़े होते हैं.
इन शर्तों का करना होगा पालन
बता दें कि कोर्ट ने सिसोदिया को तीन शर्तों पर जमानत दी गई है जिनका उन्हें पालन करना होगा. इसमें सबसे पहला है कि उन्हें 10 लाख का मुचलका भरना होगा. इसके साथ-साथ उन्हें जमानतदारों को पेश करना होगा, हफ्ते में दो बार पुलिस के पास जाना होगा, साथ ही साथ उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा.
दिल्ली के शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया पिछले 17 महीनों से तिहाड़ जेल में बंद है. पिछले साल 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद इस मामले में कई दूसरे तथ्य सामने आए और 9 अक्टूबर को ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार किया था. इस मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था, इसके बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का रूख किया था.