नई दिल्ली: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने देश में सियासी पारा बढ़ा दिया है. इस रिपोर्ट में सेबी अध्यक्ष पर सवाल उठाए गए हैं. इसके बाद से विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है औऱ इसकी जांच की मांग कर रहा है. इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) ने पलटवार करते हुए इसे नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा (दुष्प्रचार) बताया है.
#WATCH दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, “हिंडनबर्ग कौन है? ये कोई दूध के धुले हैं क्या? वहां जॉर्ज सोरोस ने निवेश किया है वो भारत के लोकतंत्र पर विश्वास नहीं करते हैं। पीएम मोदी के लिए खुलेआम अलग-अलग शब्दों का प्रयोग करते हैं। जो… pic.twitter.com/mPVFlhvRGS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 12, 2024
सोमवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत के लोगों द्वारा ठुकराए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई. इसको लेकर रविवार को हंगामा हुआ तो सोमवार को आर्थिक बाजार अस्थिर है. भारत शेयरों के मामले में भी एक सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार सुनिश्चित करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है. जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई पूरी जांच पूरी करने के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया तो उन्होंने अपने बचाव में कोई जवाब न देते हुए इस हमले को बेबुनियाद करार दे दिया.
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? क्या आप इन सज्जन जॉर्ज सोरोस को जानते हैं जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं. ये हैं वहां के मुख्य निवेशक. नरेन्द्र मोदी के प्रति अपनी पैथोलॉजिकल नफरत में, कांग्रेस पार्टी ने आज भारत के खिलाफ ही नफरत पैदा कर ली है, अगर भारत का शेयर बाजार परेशान हो जाता है, तो क्या छोटे निवेशक परेशान होंगे या नहीं? कांग्रेस की कोशिश है कि पूंजी निवेश को रोकना और सुनिश्चित करना कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो.
उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को अपनी नवीनतम रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की अडानी के ‘धन हेराफेरी घोटाले’ में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. वहीं अडानी ग्रुप की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि हिंडनबर्ग के आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ करने वाला है, ताकि तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफ़ा कमाने के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके.
हिन्दुस्थान समाचार