ढाका: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर बीएनपी सत्ता में आती है, तो भारत के सात सिस्टर राज्यों के किसी भी उग्रवादी समूह को बांग्लादेश की धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर पहले भी बीएनपी की ओर से भारत को आश्वासन दिया गया है लेकिन, भारत सरकार की एकतरफा नीति, जो केवल अवामी लीग पर केंद्रित है, उसके कारण वह बांग्लादेश की जनता से दूर होती जा रही है. यहां तक कि बांग्लादेश की नई पीढ़ी भारत-विरोधी होती जा रही है, जबकि भारत ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मिर्जा फखरुल ने भारत को याद दिलाया कि उसे किसी विशेष पार्टी से नहीं, बल्कि बांग्लादेश के जनमानस से संबंध बनाना चाहिए. “पीपल टू पीपल” संबंध स्थापित करने पर जोर देना चाहिए.
मिर्जा फखरुल ने उक्त बातें हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता किशोर सरकार के साथ अपने गुलशन स्थित निवास पर एक विशेष साक्षात्कार के दौरान कही. इस दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए जिनका उन्होंने खुलकर जवाब दिया है.
प्र: बीएनपी के सत्ता में आने पर भारत के सात सिस्टर राज्यों के लिए क्या नीति होगी?
उ: अगर बीएनपी सत्ता में आती है, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बांग्लादेश की धरती का उपयोग भारत के सात सिस्टर राज्यों के किसी भी उग्रवादी समूह द्वारा न किया जाए. यह हमारा स्पष्ट दृष्टिकोण है, जिसे हमने पहले भी भारत को आश्वासन दिया है. लेकिन भारत सरकार की एकतरफा अवामी लीग-केंद्रित नीति के कारण, वह बांग्लादेश की जनता से दूरी बना रही है. जबकि भारत ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हमें लगता है कि भारत को केवल बीएनपी से नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक दलों के साथ अपने संबंध बढ़ाने चाहिए. इससे दलों के बीच आपसी समझ भी बढ़ेगी और किसी भी मुद्दे पर गलतफहमी होने पर उसे सुलझाने में आसानी होगी.”
प्र: बीएनपी के सत्ता में आने पर क्या बांग्लादेश के समुद्र में 15 तेल और गैस कुओं के खनन के लिए अमेरिका को दिए गए अधिकार पर कोई निर्णय लिया जाएगा?
उत्तर- मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है. मुझे यह भी पता नहीं है कि ऐसे कोई कुएं हैं या नहीं.”
प्र: सेंट मार्टिन द्वीप के संबंध में बीएनपी की क्या नीति होगी?
उत्तर- मुझे नहीं लगता कि अमेरिका ने कभी सेंट मार्टिन द्वीप पर किसी प्रकार की रुचि दिखाई है. शेख हसीना अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए यह प्रचार कर रही हैं कि सेंट मार्टिन को अमेरिका को न देने के कारण उन्हें सत्ता से हटाया गया है. वास्तव में, शेख हसीना बांग्लादेश की जनता से अलगाव के कारण हुए जनआंदोलन का आरोप अमेरिका पर थोपना चाहती हैं.”
प्र: बीएनपी के सत्ता में आने पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए क्या कानून बनाए जाएंगे?
उत्तर- बीएनपी बांग्लादेश के किसी भी नागरिक को अल्पसंख्यक नहीं मानती है. इस देश का कोई भी नागरिक अल्पसंख्यक नहीं है. हालांकि, अगर बीएनपी सत्ता में आती है, तो हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने के संबंध में पार्टी के सभी सदस्यों के साथ चर्चा कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. वर्तमान में देश भर में हो रही घटनाओं, जैसे हिंदुओं के घरों और मंदिरों को जलाने के मामलों में अवामी लीग के कार्यकर्ता ही संलिप्त हैं. इसके अलावा, छात्र हत्याओं के आरोप से बचने के लिए वे विदेशियों के सामने हिंदुओं पर अत्याचार के झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हैं.”
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