नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ भी मौजूद रहे.
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर भारत मंडपम में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी देखा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ भी मौजूद रहे।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2024
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की बधाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, ”प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर सभी को बधाई. हम अंतरिक्ष क्षेत्र में अपने देश की उपलब्धियों को बड़े गर्व के साथ याद करते हैं. यह हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करने का भी दिन है. हमारी सरकार ने इस क्षेत्र से संबंधित कई भविष्योन्मुखी निर्णय लिए हैं और आने वाले समय में हम और भी निर्णय लेंगे.”
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस वर्ष 2023 में चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के एक साल पूरे होने का प्रतीक है.
अब भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना गगनयान की पहली रोबोट-मानव परीक्षण उड़ान इस साल दिसंबर में होने वाली है. गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों के दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजकर मानव अंतरिक्ष यान क्षमता का प्रदर्शन करने और उन्हें भारतीय समुद्र में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की परिकल्पना की गई है.
क्या है इस साल की थीम?
प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस चंद्रयान-3 मिशन की सफलता की वर्षगांठ है. इस साल की थीम ‘चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा’ है. प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा. इसरो के यू-ट्यूब चैनल के साथ-साथ डीडी न्यूज पर कार्यक्रम को देखा जा सकता है.
बच्चों को शिक्षित करने और अंतरिक्ष के बारे में प्रोत्साहित करने के लिए देशभर के स्कूलों में शैक्षिक कार्यक्रम होंगे. यह दिवस भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का उत्सव है. देश के अंतरिक्ष अन्वेषण इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ है. इस उत्सव का उद्देश्य भावी पीढ़ियों को प्रेरित करना, अंतरिक्ष अनुसंधान के महत्व के बारे में जागरुकता बढ़ाना और इसरो के योगदान का सम्मान करना है.
हिन्दुस्थान समाचार