उत्तराखंड: प्रदेश में इन दिनों अवैध मदरसों का मुद्दा काफी तूल पकड़ रहा है, वहीं इस बीच गैर मान्यता प्राप्त मदरसे में मौलवी के द्वारा 5 बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे विधानसभा में भी उठाया गया. इसमें उधम सिंह नगर जिले के एसएसपी ने मीडिया को जांच पड़ताल को लेकर अपडेट भी दिया है.
इस मामले के सामने आने के बाद एक बाद स्पष्ट हो गई है कि इस्लामिक शिक्षा देने वाले मदरसे महिलाओं के लिए सेफ नहीं रह गए हैं. इस केस में मौलवी का नाम शब्बीर रजा है जोकि दो महीने पहले ही पीलीभीत से उत्तराखंड आया था. आरोप है कि वह लड़कियों को अपने कमरे में बुलाकर अश्लील वीडियो दिखाता था और उनके साथ गलत हरकत करता था. लड़कियों ने मजिस्ट्रेट को दिए गए अपने बयान में इस बात का खुलासा किया है. पुलिस इस मामले में अपनी छानबीन कर रही है और मौलबी की अपराधिक हिस्ट्री खंगाल रही है.
बता दें कि इस मदरसे के संचालन के कोई दस्तावेज नहीं है, यह मान्यता प्राप्त नहीं है और अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. खबर सामने आते ही प्रशासन और भी ज्यादा एक्टिव हो गया है. उत्तराखंड में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इस मामले को उठाया गया जिसके बाद से यह और ज्यादा सुर्खियों में आ गया. संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल और विधायक शिव अरोरा ने भी इस मामले को सभा पटल पर रखा.
उत्तराखंड में इन दिनों 400 से ज्यादा मदरसे अवैध तौर तरीकों से संचालित हो रहे हैं. केवल रुद्रपुर ही नहीं बल्कि देहरादून, हरिद्रवार, नैनीताल में यह काम बड़े स्तर पर किया जा रहा है. इनसे जुड़ी सच्चाईयों को खुद वहां पढ़ने वाले बच्चे सामने आकर उजागर कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसे कई मदरसे है जो विदेशों की फंडिंग से संचालित होते हैं, इनमें से कई मदरसे देवबंद दारुल उलूम और जमीयत उलेमा ए हिंद की मदद से चल रहे हैं.