कोलकाता: आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है. कोलकाता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था. आज राज्य की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी संबंधित दस्तावेज़ सीबीआई को सौंप दिए. वहीं इस मामले के मुख्य दोषी संजय रॉय, अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष समेत 7 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा रहा है.
हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे तक ये दस्तावेज़ सीबीआई को हस्तांतरित किए जाएं. इसी के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने सीबीआई के निज़ाम पैलेस स्थित कार्यालय में पहुंच कर दस्तावेज़ सौंपे.
आरोप है कि आर.जी. कर अस्पताल में पिछले तीन साल से अधिक समय से वित्तीय अनियमितताएं चल रही थीं. इस संबंध में राज्य सरकार ने हाल ही में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, जिसका नेतृत्व आईपीएस अधिकारी प्रनब कुमार कर रहे थे. हालांकि, हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह जांच अब एसआईटी के हाथ से निकल कर सीबीआई के पास चली गई है.
इससे पहले, आर.जी. कर अस्पताल की एक महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले में भी सीबीआई को जांच सौंपी गई थी. अब वित्तीय अनियमितताओं के मामले की भी जांच सीबीआई द्वारा की जाएगी. इस मामले में, आर.जी. कर अस्पताल में कई अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं, जिनमें मेडिकल वेस्ट से संबंधित भ्रष्टाचार और शवगृह से शव गायब होने जैसी गंभीर बातें शामिल हैं.
हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने कहा कि एक से अधिक एजेंसियों द्वारा जांच करने से मामला और जटिल हो सकता है और जांच में अधिक समय लग सकता है. इसलिए, कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया.
वहीं, राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी में वरिष्ठ अधिकारी जैसे मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी वकार रज़ा, सीआईडी की डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता पुलिस के डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी शामिल थे. लेकिन अब इस एसआईटी की जांच रिपोर्ट का काम सीबीआई करेगी.
हिन्दुस्थान समाचार