Dehradun: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां विकास की गंगा बहने लगी लेकिन सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने एनसी के साथ गठबंधन कर फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने उजागर कर दिया है.
#WATCH देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन हुआ है। यह कश्मीर की जनता के साथ एक प्रकार का धोखा है। कश्मीर के जनता के सामने वे बेनकाब हो गए हैं कि वे किस प्रकार से आतंकवाद, अलगाववाद, अराजकता,… pic.twitter.com/264KGHqtGC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2024
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस से पूछा कि क्या कांग्रेस फिर ऐसे लोगों के साथ मिलकर पहले वाला माहौल बनाना चाहती है. मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस की नीति उजागर करते हुए कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे हैं.
मुख्यमंत्री ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस से पूछा है कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है?
मुख्यमंत्री धामी के कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से 10 सवाल
– क्या कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में फिर से अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है?
– क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आर्टिकल 370 और 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के जेकेएनसी के निर्णय का समर्थन करती ह?
– क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
– क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, पाकिस्तान के साथ एलओसी ट्रेड शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं?
– क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है?
– इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है. क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के जेकेएनसी के वादे के साथ है?
– क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए- सुलेमान और हरि पर्वत कोह-ए-मारन के नाम से जाने जाएं?
– क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौंपने का समर्थन करती है?
– क्या कांग्रेस पार्टी जेकेएनसी के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है?
– क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की जेकेएनसी की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं?
हिन्दुस्थान समाचार