पूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी अक्सर अपने फैसलों और बेबाक बयानों को लेकर जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड सरकार को पहाड़ी भूमि को लेकर अपनी राय दी है. उन्होंने कई परेशानियों को बताते हुए पहड़ों पर भूमि बंदोबस्त लागू करने को लेकर सुझाव दिए हैं.
उत्तराखंड में मूल निवास को लेकर आंदोलन होते रहते हैं. इसे लेकर कोश्यारी ने कहा कि ये सभी विषय इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं मगर इसके साथ-साथ मूल निवासियों को यह भी पता होना चाहिए कि उनकी जमीन कितनी हैं और वो कहां-कहां हैं. इससे सरकार का काम भी होगा और भूमि बंदोबस्त को लेकर सारा ब्यौरा भी सामने आ जाएगा. बता दें कि उत्तराखंड के राज्य के रूप में गठन होने के बाद हमेशा ही इस जरूरत को महसूस किया गया है मगर अब तक कोई पहल नहीं हो पाई है.
कोश्यानी ने आगे कहा कि पहाड़ों पर रहने वालों को यह पता ही नहीं है कि उनकी जमीन कहां और कितनी बंटी हुई है. एक खेत यहां तो दूसरा ऊपर कहीं है. ऐसे में लोगों के मन में अपनी प्रोपर्टी को लेकर अक्सर शंका, संशय और भ्रम बना रहता है. इस मामले का निपटारा करना सरकार का कर्तव्य है जिसमें ज्यादा देरी नहीं होनी चाहिए. उत्तराखंड के हर मूल निवासी के लिए भूमि बंदोबस्त होना चाहिए. वर्तमान तकनीकी की मदद ने इसे आसान कर दिया है.
खबरों की मानें तो जब उत्तराखंड का गठन हुआ था तब भगत सिंह कोश्यारी ही वहां के मुख्यमंत्री थे. तब वो बंदोबस्त लागू करने की बात कहते थे. इसके बाद से अक्सर सरकारों में मेहनत को देखते हुए इस काम को नजहअंदाज ही किया है. कांग्रेस की सरकार के सीएम एनडी तिवारी इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. ज्यादातर उत्तराखंड की भूसंपत्तियां गोल खातो में हैं जब भी किसानों को भूमि से जुड़े काम करवाने होते हैं तो उन्हें पटवारियों के पास जाना होता है जोकि उनका शोषण करते हैं. ऐसे में कई बार सालों लग जाते हैं.
उत्तराखंड के ज्यादातर भूभाग पर जंगल हैं, ऐसे में जमीन को लेकर स्पष्टता होना चुनौती रहती है. इसी के चलते बाहर से आए लोगों बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करने में सफल होते हैं. इसलिए असल स्थिति का पता लगाने के लिए भू बंदोस्त होना सबसे जरूरी है. भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान को लेकर सियासी महकमों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. भले ही कोश्यारी अपने राजनीतिक जीवन से सन्यास ले चुके हैं मगर उनके सुझावों का काफी महत्व है और वो अक्सर कई मुद्दों पर मुखर होकर बोलते हैं.