नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय को आज उनकी जयंती पर नमन किया. प्रधानमंत्री ने एक्स हैंडल पर एक वीडियो अपलोड कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन प्रसंगों की चर्चा की.
महान राष्ट्रवादी विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। अंत्योदय की उनकी अवधारणा विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में अमूल्य भूमिका निभाने वाली है। देश के लिए उनका समर्पण और सेवा भाव अविस्मरणीय रहेगा। pic.twitter.com/0tZ4oxcZ01
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ”महान राष्ट्रवादी विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन. अंत्योदय की उनकी अवधारणा विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में अमूल्य भूमिका निभाने वाली है. देश के लिए उनका समर्पण और सेवा भाव अविस्मरणीय रहेगा.”
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक्स हैंडल पर लिखा, ” एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती पर पर शत्-शत् नमन.” भाजपा ने उनका पुण्य स्मरण करते हुए एक और पोस्ट की. इसमें देशवासियों का आह्वान किया, ” अंत्योदय एवं एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर 25 सितंबर को भाजपा सदस्यता महाअभियान का हिस्सा बनें. 88 00 00 2024 पर मिस्ड कॉल करें, भाजपा का सदस्य बनें.”
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म साल 1916 में मथुरा जिले के नगला गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद व मां रामप्यारी थी. इस महान नेता का पूरा जीवन काफी संघर्ष भरा रहा, जहां केवल 3 साल की आयु में पिता और 7 साल में मां का रामप्यारी का निधन हो गया. अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क आए और आखिरी स्वास तक प्रचारक बने रहे. 21 अक्टूबर 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की.
भाजपा की वेबसाइट में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर विस्तार से चर्चा की गई है. इसमें जानकारी दी गई है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सन 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे. एक गम्भीर दार्शनिक एवं गहन चिंतक होने के साथ-साथ वह एक ऐसे समर्पित संगठनकर्ता और नेता थे, जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में व्यक्तिगत शुचिता एवं गरिमा के उच्चतम आयाम स्थापित किए.
हिन्दुस्थान समाचार