Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान पुनर्निर्माण संबंधी अधिकांश कार्यों और सभी सड़कों को हर हाल में 15 अक्टूबर तक खोलने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के लिए टेंडर निकाला जाना है, जल्द से जल्द टेंडर की प्रक्रिया संपन्न करें. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को मेरा जिला सर्वश्रेष्ठ के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने को कहा.
बता दें कि बीते दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली आपदा संबंधी कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने प्रदेशभर में बंद सड़कों को लेकर जिलाधिकारियों से जानकारी ली तथा प्रदेश में बंद चल रही 81 सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए. जिन सड़कों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है, उन्हें भी हर हाल में 15 अक्टूबर तक खोलने को कहा. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़कों को खोलने के साथ ही जो भी पुनर्निर्माण के कार्य जनपदों में किए जा रहे हैं, उनकी प्रतिदिन मॉनीटरिंग करें.
उन्होंने पीडब्ल्यूडी के साथ ही अन्य विभागों को पुरानी देनदारियों को जल्द निपटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जो भी कांट्रेक्टर विभागों के साथ जुड़े हैं और निर्माण कार्यों में योगदान दे रहे हैं, उनके ऊपर विभागों की जो भी पेंडेंसी है, उसे तत्काल खत्म किया जाए, जिससे उनका विश्वास शासन-प्रशासन पर बना रहे. इस दौरान कुछ जनपदों ने नए मानकों के तहत एसडीआरएफ मद से बजट खर्च करने में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया. इस पर मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन सचिव को इसका समाधान निकालने के निर्देश दिए.
इस दौरान कुछ जिलाधिकारियों ने कहा कि विभागीय एचओडी स्तर पर आगणन स्वीकृत होने में काफी समय लगता है, लिहाजा जिलाधिकारी के निवर्तन पर धनराशि होगी तो कार्य और तेजी से किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जनपदों में धनराशि है, लेकिन उन्हें खर्च करने में व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को जल्द समाधान निकालने और स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए. सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आर एंड आर मद में धनराशि की कोई कमी नहीं है. जिलों को यदि जरूरत है तो वह अपनी डिमांड भेज सकते हैं.
इस दौरान जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर उदय राज सिंह ने कहा कि पुनर्निर्माण एवं पुनर्प्राप्ति को लेकर भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के बाद धनराशि खर्च करने में कुछ व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने स्पष्टता के लिए अलग से स्पष्ट शासनादेश जारी किए जाने का अनुरोध किया. इस पर मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन के संज्ञान में लाने के निर्देश दिए.
हल्द्वानी से चंपावत भेजे जाएंगे बैली ब्रिज
इस दौरान जिलाधिकारी चंपावत नवनीत पांडे ने चंपावत जनपद के लिए मुख्यमंत्री को दो बैली ब्रिज की आवश्यकता के बारे में बताया. इस पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी नैनीताल को हल्द्वानी से दो बैली ब्रिज तत्काल चंपावत भेजने के निर्देश दिए.
अक्टूबर तक 2500 किमी सड़कें होंगी पैचलेस
इस दौरान अपर सचिव लोक निर्माण विभाग विनीत तोमर ने बताया कि विभाग द्वारा अक्तूबर तक 2500 किलोमीटर सड़कों को पैचलेस करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें राज्य की 668 सड़कें शामिल हैं.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगी बैठक
आपदा संबंधी पुनर्निर्माण कार्यों, चारधाम यात्रा मार्ग तथा प्रदेश के अन्य एनएच, एसएच को हुए नुकसान के बाद उन्हें जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को एनएचआईडीसीएल, एनएचएआई और अन्य विभागों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए.
केदारघाटी में हालात सामान्य करना प्राथमिकता
इस दौरान मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी से केदारघाटी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने जिलाधिकारी से पूछा यदि उन्हें किसी भी तरह की मदद शासन स्तर से चाहिए तो वह तुरंत अवगत कराएं. सरकार की प्राथमिकता है कि केदारघाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हों और यात्रा सुचारू रूप से चलती रहे. उन्होंने केदारनाथ धाम तक वैकल्पिक मार्ग को लेकर भी जानकारी ली तथा जल्द से जल्द इस मार्ग को तैयार करने के निर्देश दिए.
टिहरी में दिसंबर तक गांवों का हो जाएगा विस्थापन
टिहरी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि घनसाली में आई आपदा के बाद हालात काफी हद तक सामान्य कर लिए गए हैं. जिन सड़कों को व्यापक क्षति पहुंची है, उन्हें दुरुस्त करने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दिसंबर तक आपदा प्रभावित गांवों का विस्थापन कर लिया जाएगा. विस्थापन के लिए धनराशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करा दी गई है. साथ ही बूढ़ाकेदार के लिए सुरक्षा दीवार बनाने के कार्य को मुख्य सचिव की बैठक में अनुमोदन मिल गया है.
427.87 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित
प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कुल 427.87 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जा चुकी है. इसमें राज्य आपदा मोचन निधि से 386.87 करोड़ रुपये, राज्य सेक्टर न्यूनीकरण मद से 15 करोड़ और राज्य सेक्टर नॉन एसडीआरएफ मद से 26 करोड़ रुपये अवमुक्त किये गये हैं. राज्य आपदा मोचन निधि के पुर्स्थापना और पुनर्वास मद के लिए विभागों को 95 करोड़ की धनराशि और दी जा रही है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग को 50 करोड़, पीएमजीएसवाई को 15 करोड़, पेयजल निगम को 20 करोड़ एवं यूपीसीएल को 10 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा रही है.
अस्पतालों में सफाई व्यवस्था का रखें ध्यान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा काल के बाद होने वाली जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. जल जनित रोगों से बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने नियमित जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए.
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन सचिव की कार्यशैली को सराहा
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन की कार्यशैली और इस मानसून सत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना भी की. उन्होंने देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल की ओर से फिल्ड पर उतरकर किए जा रहे कार्यों को भी सराहा.
बैठक में उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विनय कुमार रूहेला, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, सचिव मुख्यमंत्री और आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय, सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम,सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव आनंद स्वरूप, अपर सचिव धीराज गर्ब्याल,वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे.
हिन्दुस्थान समाचार