Sanjauli Mosque Case: संजौली अवैध मस्जिद निर्माण मामले पर नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने संजौला मस्जिद की तीन मंजिलों को अवैध बताया है साथ ही इन्हें अगले दो महीने तक गिराने का आदेश दिया है. इससे पहले नगर निगम की कमिश्नर कोर्ट ने विवाद को लेकर दोनों ही पक्षों को अलग-अलग सुना था और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज की सुनवाई में नगर निगम और वक्फ बोर्ड से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की गई थी.
अदालत में दी गई दलीलों के अनुसार जामा मस्जिद संजौली को नियम 254-1 के तहत 31-3-2010 से लेकर मस्जिद की धरातल मंजिल को अवैध ठहराते हुए नोटिस जारी किया गया था. इस नोटिस के बावजूद पांच मंजिलें आठ साल में तैयार की गई जिस पर निगम ने संज्ञान होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं की. इसे लेकर 2/9/2011 से 2/9/2024 तक कुल 11 नोटिस दिये गये जिनका मस्जिद कमेटी ने जवाब नहीं दिया.
इसके अलावा स्थानीय लोगों का पक्ष रख रहे वकील जगत पॉल ने स्थानीय लोगों को इस मामले में नेसेसरी पार्टी बनाने को लेकर बात रखी जिस पर काफ़ी बहस हुई.
मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने का काम वक्फ बोर्ड की देखरेख में होगा. इतना ही न नहीं, आयुक्त ने यह भी कहा कि मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को हटाए जाने की अनुमति है. मस्जिद के शेष हिस्से की सुनवाई 21 दिसंबर, 2024 को होगी, जिसके बाद उस पर फैसला सुनाया जाएगा.
पुलिस प्रशासन अलर्ट, बढ़ाई गई सुरक्षा
मस्जिद मामले की सुनवाई के बाद पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है. शिमला पुलिस ने संजौली मस्जिद स्थल में कड़ी सुरक्षा कर दी गई है. साथ ही चक्कर स्थित कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है. अन्य जिलों की मस्जिदों के आसपास भी पुलिस ने सुरक्षा के खासे इंतज़ाम किये हैं.
इस बीच संजौली मस्जिद विवाद पर सुनवाई से पहले हिन्दू संगठन देवभूमि संघर्ष समिति ने आज आने वाले फैसले में न्याय के लिए कल शाम शिमला सहित अन्य जिलों के मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ किया.
साभार – हिंदुस्थान समाचार