उखीमठ/मक्कूमठ: पंचकेदार में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 20 नवंबर को शुभ लग्नानुसार प्रात: काल और तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 04 नवंबर पूर्वाह्न 11 बजे तुला लग्न में बंद होंगे. कपाट बंद होने के बाद श्री मद्महेश्वर भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. मद्महेश्वर मेला 23 नवम्बर को आयोजित होगा.
मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में आज दशहरे के शुभ अवसर पर पंचांग गणना पश्चात घोषित हुई. मद्महेश्वर मेला और देव डोलियों के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने का कार्यक्रम भी घोषित हो गया.
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली 20 नवंबर को प्रथम पड़ाव गौडार गांव, 21 नवंबर को दूसरे पड़ाव रांसी, 22 नवंबर गिरिया और 23 नवम्बर को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. 23 नवंबर को मद्महेश्वर मेला संपन्न होगा.
कपाट बंद होने की तिथि तय करने के अवसर पर पुजारी बागेश लिंग, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, देवानंद गैरोला, जेई सूरज मलासी, प्रेम सिंह रावत, वीरेश्वर भट्ट, नवीन शैव, वर्ध जमलोकी, सत्यप्रसाद सेमवाल, शंकर स्वामी, पंच गौंडार से मदन पंवार (भंडारी) ब्राह्मण खोली पंडितगण सहित पंचगाई हक हकूहकधारी आदि मौजूद थे.
इसी तरह तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट तुला लग्न में सोमवार 04 नवंबर पूर्वाह्न 11 बजे को बंद होंगे. कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में तय हुई.
इस अवसर पर मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी, पुजारी भारत मैठाणी, मुकेश मैठाणी, उमादत्त, विनोदमैठाणी, आचार्य रविंद्र मैठाणी, माहेश्वर प्रसाद, शांति प्रसाद, शेखर चंद्र, क्षेत्र पंचायत सदस्य जयबीर नेगी, दिलवर नेगी और हक-हकूकधारी आदि मौजूद रहे.
लाखों तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन
ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ प्रभारी/प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी और प्रबंधक बलबीर नेगी ने संयुक्त बयान में बताया कि इस यात्रा वर्ष 13372 श्रद्धालु द्वितीय केदार मद्महेश्वर पहुंचे और 140322 से अधिक तीर्थयात्रियों ने तृतीय केदार तुंगनाथ के दर्शन किये. कपाट बंद होने के बाद तृतीय केदार तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली 4 नवंबर को प्रथम पड़ाव चोपता पहुंचेगी. इसके बाद पांच नवंबर को भनकुन गुफा, 06 नवंबर को भी भनकुन प्रवास करेगी और गुरुवार 07 नवंबर को शीतकाल गद्दीस्थल मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ मंदिर गर्भ गृह में शीतकाल के लिए विराजमान हो जाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार