नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा का दिल्ली के भारत मंडपम में उद्घाटन किया है. अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि भारत ने दूरसंचार को समानता और अवसर के साधन के रूप में इस्तेमाल करके कनेक्टिविटी से आगे बढ़ कर सामाजिक-आर्थिक विभाजन को पाटने और पहुंच को मजबूत करने का काम किया है. दुनिया भारत के डिजिटल अनुभव का लाभ उठा कर जनकल्याण कार्यों को सशक्त बना सकते हैं.
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” 2014 में भारत में केवल दो मोबाइल विनिर्माण इकाइयां थीं और आज 200 से अधिक हैं। पहले हम ज्यादातर फोन विदेशों से आयात करते थे, आज हम भारत में पहले की तुलना में 6 गुना अधिक मोबाइल फोन का निर्माण कर रहे हैं। हम एक मोबाइल निर्यातक देश के रूप… pic.twitter.com/V2L3JmaIxs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 15, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया को संघर्ष से बाहर निकाल कर आपस में जोड़ने में लगा हुआ है. उन्होंने वैश्विक संस्थाओं से दूरसंचार और डिजिटल टेक्नोलॉजी के बारे में मानक तय करने की अपील की. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में डिजिटल विकास के चार प्रमुख आधार हैं, जिनमें सस्ता डिवाइस उपलब्ध कराना, देश के हर कोने में कनेक्टिविटी प्रदान करना, सस्ता डेटा और डिजिटल फर्स्ट को प्राथमिकता देना है. पिछले 10 साल में इन प्रमुख बिंदुओं पर अभूतपूर्व कार्य हुआ है.
भारत की स्मार्टफोन विनिर्माण क्षमताओं की सराहना करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “2014 में, केवल दो मोबाइल विनिर्माण इकाइयां थीं. आज यह 200 से अधिक है.” उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों के माध्यम से मोबाइल डेटा की लागत को सफलतापूर्वक कम कर दिया है. प्रधान मंत्री ने कहा, “आज, भारत में मोबाइल डेटा की कीमत 12 सेंट प्रति जीबी है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही 6जी तकनीक शुरू करने पर काम कर रही है.
पीएम ने कहा कि सुरक्षा, गरिमा और समानता सिद्धांत हमारी चर्चा का हिस्सा होने चाहिए. कोई भी देश या क्षेत्र या समुदाय डिजिटल युग में पीछे न रह जाए, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा भविष्य तकनीकी रूप से मजबूत और नैतिक रूप से मजबूत हो. हमारे भविष्य में, नवाचार के साथ-साथ समावेशन भी होना चाहिए. विमानन क्षेत्र के लिए, हमने एक वैश्विक नियम और विनियम ढांचा विकसित किया है. हमें डिजिटल दुनिया के लिए भी इसी तरह के ढांचे की जरूरत है.
पीएम मोदी ने कहा कि डब्ल्यूटीएसए को इस बारे में सोचने और दूरसंचार को सभी के लिए सुरक्षित बनाने की जरूरत है ताकि इस परस्पर जुड़ी दुनिया में सुरक्षा को बाद में न देखा जाए. भारत के डेटा संरक्षण अधिनियम और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का लक्ष्य भारत में एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है. पीएम मोदी ने डब्ल्यूटीएसए प्रतिनिधियों से समावेशी, सुरक्षित और अनुकूलनीय तकनीकी मानकों के साथ आने का आग्रह किया.
पीएम ने कहा कि हमें नैतिक एआई और डेटा गोपनीयता के लिए वैश्विक मानकों की आवश्यकता है जो विभिन्न देशों की विविधता का सम्मान करते हैं. जन धन, आधार और यूपीआई का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ओएनडीसी डिजिटल वाणिज्य क्षेत्र में क्रांति लाएगा। मोदी ने कहा कि हमने कोविड-19 महामारी के दौरान देखा कि कैसे हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने जीवन को आसान बना दिया है.
पीएम ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी से आठ गुना अधिक ऑप्टिकल फाइबर बिछाए हैं. दो साल पहले, हमने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5G लॉन्च किया था. आज हर जिला 5जी से जुड़ गया है.भारत अब 5G बाजार है. अब हम 6G तकनीक पर भी तेजी से काम कर रहे हैं. आज भारतीय हर महीने औसतन 30 जीबी डेटा का उपभोग करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस का लक्ष्य कनेक्टिविटी के माध्यम से दुनिया को सशक्त बनाना है. इसलिए इस आयोजन में सर्वसम्मति और कनेक्टिविटी को जोड़ा गया है. आज की संघर्षग्रस्त दुनिया में ये दो चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं.भारत में दूरसंचार केवल कनेक्टिविटी के बारे में नहीं है, बल्कि समानता और अवसर के बारे में भी है. दस साल पहले जब मैंने डिजिटल इंडिया का दृष्टिकोण सामने रखा था, तो मैंने कहा था कि हमें एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.