Anti Sikh Riots: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सीबीआई को 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में और गवाहों के बयान दर्ज कराने की अनुमति दे दी है. सीबीआई ने 15 अक्टूबर को अर्जी दायर कर इस मामले में बयान दर्ज करने के लिए कुछ गवाहों को पेश करने की अनुमति मांगी थी. मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.
कोर्ट में 7 अक्टूबर को एक गवाह का बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज किया गया था. इसके पहले 27 अगस्त को दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ. सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए गए थे. 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे. इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे. 7 दिसंबर, 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे. 9 नवंबर, 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए थे.
कोर्ट ने 12 अक्टूबर, 2023 को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे. 21 सितंबर, 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोप से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेज और गवाहों के बयान रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने 23 अगस्त, 2023 को सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,153A, 295, 149, 307,308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. हालांकि, कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था.
क्या है पूरा मामला?
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं, सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं. यह मामला जनकपुरी का है, जहां सिख विरोधी दंगों के दौरान सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या हुई थी. इसी तरह विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जिंदा जला दिया गया था. इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया जा चुका है.
हिन्दुस्थान समाचार