नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हवा जहरीली होती जा रही है. दिल्ली में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी (AQI) 318 दर्ज किया गया है. जबकि जहांगीरपुरी 567 दर्ज हुआ है. वहीं, एनसीआर में दिल्ली के बाद गाजियाबाद की हवा सबसे खराब रही, यहां 257 एक्यूआई दर्ज किया गया. साथ ही, नोएडा में 252, गुरुग्राम में 210, ग्रेटर नोएडा में 183 और फरीदाबाद में 165 एक्यूआई दर्ज किया गया.
#WATCH दिल्ली: इंडिया गेट और आसपास के इलाकों में AQI गिरकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 328 पर पहुंच गया है। pic.twitter.com/mQgMB9Zw0b
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 22, 2024
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(CAQM) की उप समिति ने सोमवार को आपातकालीन बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और ग्रेडेड एक्शन प्लान(GRAP) के चरण दो की पाबांदियां लगाने की सिफारिश की. यह पाबंदियां आज सुबह आठ बजे से लागू कर दी गई हैं. यानि कि अब दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर पर रोक लग गई है.
GRAP 2 में है 11 पाबंदियां
इस संबंध में आयोग ने सभी संबंधित विभागों औऱ संस्थानों को आदेश जारी कर दिया है. ग्रैप-2 के तहत 11 पाबंदियां लगाई जा रही हैं. जिसके तहत प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में बढ़ोतरी, सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस को बढ़ाना. इसके साथ प्रदूषण कम हो इसके लिए रेजीडेन्ट वेल्फेयर एसोसिएशन अपने सोसाइटी में कूड़ा और किसी भी प्रकार की लकड़ी जलाने पर नजर रखे जाना और डीजल जेनरेटर पर पाबंदी. इस दौरान केवल नेचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जेनरेटर ही चला सकते हैं.
800 किलोवॉट से ज्यादा क्षमता वाले जेनरेटर को केवल रेट्रोफिटिंग के दौरान ही चलाए जाएंगे. चिन्हित सड़कों डेली बेसिस पर मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव आवश्यक है. इसके साथ भारी यातायात गलियारों, संवेदनशील इलाकों में सड़क की धूल को रोकने और निर्दिष्ट लैंडफिल स्थलों पर एकत्रित धूल के उचित निपटान के लिए धूल अवरोधकों (कम से कम हर दूसरे दिन, गैर-पीक घंटों के दौरान) के उपयोग के साथ पानी का छिड़काव जरूरी, सी और डी साइटों पर धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए निरीक्षण तेज करने का निर्देश दिया गया.
क्या है GRAP और कब लगता है कौन सा चरण?
उल्लेखनीय है कि दिल्ली और उसके आसपास की हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ग्रेप के चार चरण बनाए गए हैं. इसमें ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है. ग्रेप-2 को लागू तब किया जाता है जब एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है. हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (एक्यूआई 401 से 450) पर ग्रेप-3 और एक्यूआई 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है. इस दौरान ऐसी चीजों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जाती है जिससे हवा में प्रदूषण न फैले.
दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू
इस बीच दिल्ली- एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत गाड़ी चालकों से रेड लाइट होने पर गाड़ी का इंजन बंद कर प्रदूषण कम करने में अपना योगदान देने की अपील की गई है. बता दें एक दिन ऑड नंबर यानि 1,2, 5,7, 9 अंको वाली गाड़ियां चलेगी और दूसरे दिन 0,2,4,6,8 अंको वाली गाड़ियां ही रोड़ पर चलाने की अनुमति होगी.