Dehradun: केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव से पहले कांग्रेस में टिकट को लेकर रार मची हुई है. चुनाव लड़ने के लिए उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता समेत कुल 13 लोगों ने दावेदारी की है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने पक्षपातपूर्ण तरीके से उम्मीदवार चयन करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उपचुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने बुधवार को कहा कि पार्टी की परंपरा रही है कि पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते हैं. उसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी से पैनल तय करके केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाता है, लेकिन पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को न भेजकर मनमाने तरीके से सीधे केंद्रीय नेतृत्व को भेजी है. इससे साफ प्रतीत होता है कि उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है.
मनमानी तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिए बिना मनमानी तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई थी और वहीं से पक्षपात की आशंकाएं आकार लेने लगी थी, जो अब सच होती प्रतीत हो रही है. बिष्ट ने कहा कि जिस मनमानी तरीके से केदारनाथ विधानसभा में उम्मीदवार थोपने का प्रयास हो रहा है, उससे अन्य दावेदारों में भारी आक्रोश है.
केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर दर्ज कराएंगे अपना विरोध
उन्होंने कहा कि उम्मीदवार चयन में अगर पर्यवेक्षकों को अपनी ही मनमानी करनी थी तो अन्य लोगों से आवेदन क्यों लिए गए और उनसे निर्धारित शुल्क क्यों जमा करवाया गया. इसे लेकर प्रदेश प्रवक्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह किसी षड्यंत्र और मैच फिक्सिंग की ओर इशारा कर रहा है. उन्होंने कहा कि वह अपना विरोध केंद्रीय नेतृत्व को भी दर्ज कराएंगे. उनके साथ अन्य दावेदार भी केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे.
उम्मीदवार चयन में पहले ही थी पक्षपात की आशंका
शीशपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीदवार चयन में पहले ही पक्षपात की आशंका थी, इसलिए उन्होंने सह प्रदेश प्रभारी को अपनी आशंकाओं से अवगत करा दिया था. इसके बावजूद केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवार चयन को लेकर पक्षपात किया जा रहा है. शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि वे कांग्रेस पार्टी का समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. कुछ ऐसी परिस्थिति बनी कि उन्हें पार्टी हित में सार्वजनिक मंच पर अपनी बात रखनी पड़ रही है. उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व से आग्रह किया कि केदारनाथ विधानसभा सीट पर उप चुनाव के लिए जो भी दावेदार हैं उन्हें बुलाकर सर्वसम्मति बनाई जाए, तब जाकर उम्मीदवार के नाम का एलान किया जाए.
हिन्दुस्थान समाचार