PAURI GARHWAL: उत्तराखंड में अवैध कब्जों के कई मामले हर दिन सामने आते रहते हैं मगर हाल ही में आया ये मामला अब सभी का ध्यान खींच रहा है. कालागढ़ रामगंगा साइट पर जल विद्युत परियोजना के तहत अस्थायी रूप से बसाए गए क्षेत्रों पर अब अवैध कब्जे सामने आ रहे हैं. जहां पर मस्जिद को खड़ा कर दिया गया है, इस मस्जिद को टीन वाली मस्जिद कहा जा रहा है. साथ ही इसके निर्माण को पूरा करने के लिए अब सोशल मीडिया से भी चंदा जुटाया जा रहा है.
दरअसल, कालागढ़ रामगंगा का क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है, प्रोजेक्ट के तहत कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने इस जमीन को वन विभाग से लीज पर लिया था. काम पूरा करने के बाद इस जमीन को वापस वन विभाग को दिया जाना था, इसमें से ज्यादातर भूमि दी जा चुकी है मगर वहां पर बड़ी संख्या में लोगों ने जमीन पर अवैध कब्ज किया हुआ है. साथ ही बफर जोन की जमीन को भी कब्जा कर मस्जिद का निर्माण कर दिया गया है.
आपको बता दें कि इस मस्जिद को गैर कानूनी तरीके से बनाया गया है जिसे टीन वाली मस्जिद कहा जा रहा है और इसे पूरा करने के लिए सोशल मीडिया पर चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. इस भूमि पर रहने वाले ज्यादातर लोग बाहरी राज्यों के हैं और मुस्लिम है. तुष्टिकरण की राजनीति ने इन्हें बसाया और बनाए रखा साथ ही पहले सत्ता पर बैठे लोगों ने इसे संरक्षण दिया. इस जमीन को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को परियोजना का काम पूरा होने के बाद कालागढ़ फोरेस्ट डिविजन को वापस करना था मगर ऐसा हो न सका. आज भी यहां सैकड़ों हेक्टेयर जमीन पर कब्जा किया गया है, यहां रहने वाले ज्यादातर लोग वन की संपत्ति का दोहन कर उससे तस्करी जैसे काम करते हैं.
अगर इस क्षेत्र की भोगोलिक स्थिति समझे तो बता दें कि कालाकढ़ पौड़ी गढ़वाल का ही हिस्सा है जिसके एक तरफ सुंदर नैनीताल जिला है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का अफजल गढ़ क्षेत्र आता है. यहीं से ज्यदातर लोग आकर इस क्षेत्र में बसते हैं और अपराधी किस्म के लोग भी आकर छिप जाते हैं. साल 2018 तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने जमीन खाली करने को लेकर सख्ती से अभियान चलाया था मगर यहाँ के अवैध कब्जे नहीं हटे और यह प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. यहां के ज्यदातर लोगों के पास उत्तराखंड और यूपी दोनों राज्यों के वोट है और यही कारण है कि इन्हें राजनीतिक संरक्षण दिया जाता है.