Haridwar: अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय, गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के छात्र स्वयंसेवकों की टीम ने हरिद्वार के सिंह द्वार घाट पर स्वच्छ गंगा अभियान में भाग लिया. उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा वित्त पोषित यह पहल स्वच्छ गंगा परियोजना का हिस्सा थी. छात्रों ने संकाय सदस्यों के साथ मिलकर डॉ. मयंक अग्रवाल, अश्वनी और मयंक पोखरियाल के मार्गदर्शन में पूरे घाट क्षेत्र की सफाई की.
नदी के संरक्षण में स्वच्छ गंगा पहल का बहुत महत्व है, जो न केवल लाखों लोगों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि भारत में महान सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व भी रखती है. गंगा की स्वच्छता बनाए रखने से जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है, पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है और इस पर निर्भर समुदायों की आजीविका का समर्थन होता है.
सफाई के बाद, प्रो. मयंक अग्रवाल ने छात्रों को प्रेरित किया और बताया कि कैसे उनके प्रयास अच्छे कामों में योगदान करते हैं. उन्होंने सामाजिक कार्यों में शामिल होने और समुदाय को वापस देने के महत्व पर जोर दिया, छात्रों को ऐसे प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रेरित किया.
छात्रों ने यूकोस्ट परियोजना के तहत विकसित एक ऐप भी डाउनलोड किया और अपनी सफाई गतिविधियों की तस्वीरें अपलोड कीं. उनके प्रयासों की सराहना के प्रतीक के रूप में, उन्हें एफईटी परिसर में आयोजित एक समारोह के दौरान पुरस्कृत किया गया. इस अभियान ने न केवल गंगा को साफ रखने के महत्व को दर्शाया, बल्कि पर्यावरण और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने में युवाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला.
हिन्दुस्थान समाचार