Uttarkahshi Mosque Controvercy: उत्तराखंड में इन दिनों उत्तरकाशी मस्जिद का मुद्दा गरमाया हुआ है, विभिन्न हिंदू संगठनों की ओर से लगातार मस्जिद को अवैध बताते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. हिंदु संगठनों पर हुए लाठी चार्ज के बाद अब पूरे जिले में तनाव के बीच बाजार बंद रहे. साथ ही पुलिस ने धारा 163 को लागू कर दिया है और शांतिपूर्ण माहौल के लिए फ्लैग मार्च भी निकाला है.
बता दें कि हिंदु संगठनों को इस मामले में आरटीआई से मिली जानकारी और दूसरे डॉक्यूमेंट्स के आधार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाही की मांग की है. इसमें दावा किया गया कि इस मस्जिद को अवैध भूमि पर बनाया गया है. इस मस्जिद का निर्माण मजिस्ट्रेट ऑफिस से केवल 100 मीटर की दूरी पर किया गया है जिसके लिए कोई नक्शा भी नहीं बनवाया गया.
वहीं हिंदु संगठनों की तरफ से बताया गया कि उत्तरखंड में इस मस्जिद को निजी मुस्लिम भूमि पर बनाया गया है, और पिछले कई दिनों से यहाँ पर भीड़ जुटाई जा रही है. इसी वजह से उत्तरकाशी का माहौल अशांतिपूर्ण और चिंताजनक हो गया है.
दरअसल यह भूमि साल 2004-5 के बीच यह जमीन खारिज प्रकिया में थी, इससे 15 साल पहले ही इसके मालिक का निधन हो गया था. साथ ही यह साल 1991 की कागजात प्रक्रिया में भी रजिस्ट्रर्ड नहीं थी. व्यक्ति के जाने के बाद उसके खिसाफ उस जमीन को चुपके से हड़पने की साजिश की गई और मुकदमा चलाया गया था मगर व्यक्ति के दोनों लड़कों को इस बात की कोई खबर नहीं थी. कायदे से उसके बच्चे ही भूमि के मालिक थे महर खारिज प्रकिृया के दौरान पूरे गांव को ही इसकी सूचना नहीं दी गई थी. इस तरह इस पूरे मामले को छिपाकर जमीन को हड़पने की साजिश रची गयी थी.
बता दें कि भू स्वामियों के दादाजी और पिताजी पिछले 36 सालों तक दाखिला खारिज करने की प्रकिृया में नाम लिखवाने से इनकार करते हुए आए थे. उन्हे उस वक्त बताया गया था कि उनके साथ अन्याय हुआ है इसलिए वो हमेशा ही पूरी पांच नाली भूमि को बेनामा लिखवाते थे. इसी वजह से उनकी मौत के कई सालों बाद 2005 में तत्कालीन लोगों ने इसे परिवार को बताए बिना ही भूमि को मस्जिद लिखवाया गया था. उस भूमि पर एक बिल्डिंग भी थी जिसे नजरअंदाज किया गया.