Dehradun: राज्य के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मंच है, जो भारतीय मानकों की चर्चा और उनके प्रोत्साहन के लिए समर्पित है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अंतिम छोर तक के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है.
ग्राम्य विकास मंत्री जोशी शुक्रवार को आईएसबीटी स्थित एक सभागार में प्रधानमंत्री आवास योजना पर मानक मंथनश नामक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत प्रति आवास 1.30 लाख की अनुदान राशि लाभार्थी को दी जा रही है. इसके अलावा शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये दी जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किचन सामग्री बर्तन आदि खरीद के लिए प्रति लाभार्थी छह हजार रुपये की दर से सहायता राशि दी जा रही है. इस प्रकार कुल 1.73 लाख की धनराशि आवास निर्माण के लिए दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत प्रथम फेज में एसईसीसी सर्वे 2011 में पात्र पाए गए सभी 12662 परिवारों को आवास आंवटित किया जा चुका है. इसमें कुल 169.87 करोड़ की धनराशि का व्यय किया गया है. उन्होंने कहा कि द्वितीय फेज में आवास प्लस सूची की स्थाई प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित समस्त 56040 परिवारों को शत-प्रतिशत किया जा चुका है और कुल 796.15 करोड़ रुपये व्यय किया गया है. ग्राम्य विकास मंत्री जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री घोषणा के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 से आगामी वर्षों के लाभार्थियों के लिए प्रति लाभार्थी किचन सामग्री बर्तन खरीद के लिए दी जाने वाली अतिरिक्त सहायता धनराशि पांच हजार से बढ़ाकर छह हजार की गई है. इस प्रकार अब तक 68600 आवास आवंटित करते हुए कुल 966.02 करोड़ रुपये व्यय किया गया है.
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से निर्धारित भारतीय मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका ‘सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को साकार करने में सहायक है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों को ग्रामीण अंचलों में भी आयोजित करने के प्रयास किए जाए. प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है. इसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराना है, ताकि हर भारतीय परिवार को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का स्थान मिल सके. इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की सफलता न केवल इसके बुनियादी ढांचे के पैमाने पर बल्कि बनाए जा रहे घरों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर भी निर्भर करती है.
गणेश जोशी ने कहा कि बीआईएस ने मानकों को विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई है. जो सामग्री और निर्माण तकनीकों की सुरक्षा, स्थायित्व और टिकाऊपन सुनिश्चित करते हैं. उन्होंने कहा कि बीआईएस ने देशभर में 10 हजार से अधिक मानक क्लबों का गठन किया है, जो छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित कर रहे हैं और भविष्य की गुणवत्ता के नेतृत्व को आकार दे रहे हैं.
त्योहारी सीजन में मंत्री गणेश जोशी ने सभी से आग्रह किया कि बीआईएस प्रमाणित उत्पाद ही खरीदें. उन्होंने बीआईएस को हॉलमार्किंग योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बधाई भी दी और भारतीय मानक ब्यूरो के निरंतर प्रयासों की सराहना की. इस दौरान निदेशक सौरभ तिवारी, संयुक्त निदेशक सचिन चौधरी, परियोजना निदेशक ग्राम विकास संजीव राय, मानक संवर्धन अधिकारी सरिता त्रिपाठी, पीडी ग्राम विकास विक्रम सिंह आदि उपस्थित थे.
हिन्दुस्थान समाचार