Ghar Wapsi: बिहार के नवादा जिले में 12-15 परिवारों के लोगों ने वापस सनातन धर्म अपना लिया है. इन लोगों को बहला-फुसलाकर ईसाई बनाया गया था. दअसल नवादा जिले के रोह प्रखंड के समरीगढ़ पंचायत के रहने वाले रविदास समाज और महादलित माने जाने वाले मुसहर समुदाय के लोगों को बहला-फुनसलाकर ईसाई बना दिया गया था, लेकिन अब इन लोगों ने वापस सनातन धर्म अपना लिया है.
सनातन धर्म अपनाने वाले लोगों ने बताया कि कुछ साल पहले ईसाई मिशनरियों के सपंर्क में आने के बाद उन्होंने अच्छे जीवन और शिक्षा का लालच में ईसाई धर्म अपना लिया, वो पहले हिंदू ही थे. उन्होंने बताया कि जल्द ही सुखी जीवन का वो छालावा ख्तम हो गाया, जो उन्हें ईसाई मिशनरियों ने दिखाया था. उनका जीवन और भी ज्यादा बेकार हो गया, इसके बाद उनके मन फिर सनातन धर्म में वापसी की इच्छा थी.
उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में वापसी के लिए उन्होंने हिंदू संगठनों से संपर्क किया, जिसके बाद हिन्दू संगठन के लोगों ने मंदिर में हवन आदि करवा कर उनका शुद्धिकरण करवाया और उनकी सनातन धर्म में वापस कराई. बता दें कि सनातन धर्म में वापस आने वाले लोग समरीगढ़ गांव के देवी मंदिर में जमा हुए और अपनी गलतियों को माना. सनातन धर्म अपनाने वाले लोगों ने कहा कि वो गुरु गोविंद सिंह जी को मानते हैं, जिन्होंने अपने बच्चों की कुर्बानी दे दी, लेकिन इस्लाम नहीं अपनाया.
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है. बता दें कि दिलीप रविदास, भरत रविदास, कुंदन रविदास, वीरेंद्र रविदास, रवि रविदास, संजू रविदास, जगदीश रविदास, सौरभ रविदास, छोटेलाल मांझी, चिंता देवी और तबिया देवी समेत दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने सनातन धर्म अपनाया है.