उत्तरकाशी: विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर विधि-विधान पूर्वक शनिवार काे दाेपहर 12:14 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. कपाट बंद हाेने के बाद अब छह माह तक मां गंगा अपने मायके मुखीमठ में मुखबा स्थित गंगा मंदिर में श्रद्धालुओं काे दर्शन देंगी. मां गंगा की उत्सव डोली शनिवार काे मुखीमठ के लिए रवाना हो गई है, जाे शीतकालीन पड़ाव मुखबा पहुंचेगी.
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के मौके पर धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. हर-हर गंगे… जय मां गंगे के जयकारों से गंगाेत्री धाम गूंज उठा. श्री पंच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि शुक्रवार को दीपोत्सव के साथ मां भगवती गंगा के गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. उन्हाेंने कहा कि मां गंगा की उत्सवडोली शनिवार काे मुखीमठ के लिए रवाना हो गई है. मां गंगा की डोली मुखीमठ से तीन किलोमीटर पहले मारकंडे मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. तीन नवंबर रविवार को भैया दूज पर मां गंगा की डोली मुखीमठ गांव पहुंचेगी, फिर मां गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ शीतकालीन पड़ाव मुखबा लाया जाएगा. ऐसे में अब शीतकाल तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके मायके मुखीमठ में कर सकेंगे. यहां छह माह तक मां गंगा की पूजा होगी. उल्लेखनीय है कि इस बार चारधाम यात्रा पर आए आठ लाख 11 हजार 542 तीर्थयात्रियाें ने गंगोत्री धाम के दर्शन कर पुण्य अर्जित किए.
इस माैके पर हर्षिल राजपुताना रेजीमेंट की ओर से श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारा का आयोजन किया. इस दौरान श्रीपंच मंदिर समिति गंगोत्री के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल, उपाध्यक्ष अनुज, कोषाध्यक्ष सुशील, सह सचिव जय कृष्ण, सदस्य चंडी प्रसाद, सतीश, अभिषेक, संतोष, प्रेमदेव, प्रदीप, सुनील, रावल रविंद्र सेमवाल, राजेश, क्षेत्रीय विधायक सुरेश चौहान, ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत, जगमोहन सिंह रावत, राजेंद्र, विजय प्रताप समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.
हिन्दुस्थान समाचार