Dehradun: पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने कहा कि वेद, पुराण, उपनिषद्, आयुर्वेद, योग, गंगा और हिमालय को समेटे देवभूमि उत्तराखंड धरती का स्वर्ग है. उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं, ये भारत की संस्कृति का प्राण है. हिमालय राज्य उत्तराखंड विश्व गुरु भारत का माथा है, इसलिए विचार हो या विकास दोनों ही दृष्टि से उत्तराखंड आगे बढ़ रहा है.
देहरादून में गुरुवार को आयोजित प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ शामिल हुए. उन्होंने कहा कि आज का दिन देवभूमि के इतिहास में निश्चित रूप से गौरवशाली इतिहास बनकर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में देवभूमि ने ऐतिहासिक काम किए हैं, जो देश के लिए नजीर है. पूर्व मुख्यमंत्री ‘निशंक’ ने अपनी राजनीति के शुरुआती पल याद करते हुए कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश की कोख से तीन राज्य उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और झारखंड पैदा हुए थे. इनमें हर दृष्टि से उत्तराखंड नंबर एक पर है. उत्तराखंड राज्य आर्थिक, नियोजन, औद्योगिक और शिक्षा के क्षेत्र में देश में अपना स्थान बना रहा है. उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने के साथ शिक्षा हब बनने जा रहा है. धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन, तीर्थाटन, आयुर्वेद से संबंधित जितनी यूनिट हैं पूरे देश का ये हब है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य को भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया है, हम संवारेंगे. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संकल्प है कि उत्तराखंड को मॉडल राज्य बनाएंगे.
शिक्षा, स्वास्थ्य, निवेश और सांस्कृतिक संवर्धन पर चर्चा
प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का उद्देश्य प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य के विकास से जोड़ना और उनके सुझावों पर कार्य करना है. सम्मेलन में उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराओं और पर्यटन संभावनाओं को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम में शिक्षा, स्वास्थ्य, निवेश और सांस्कृतिक संवर्धन पर चर्चा हुई. पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों के योगदान की सराहना करते हुए राज्य के विकास में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित किया.
हिन्दुस्थान समाचार