Dehradun: उत्तराखंड एसटीएफ और डब्ल्यूसीसीबी दिल्ली की टीम ने बुधवार को एक हिरन की कस्तूरी व दो हिरन के पंजों के साथ विकासनगर से एक वन्यजीव तस्कर को गिरफ्तार किया है. बरामद कस्तूरी हिरन के अंदर पाई जाती है, जो सुगंध के बाजार में वेशकीमती मानी जाती है. हालांकि एसटीएफ वन विभाग से जानकारी लेने के साथ कार्रवाई में जुटी हुई है.
दरअसल, वन्य जीव अंगों की अवैध तस्करी में लिप्त तस्करों की गतिविधियों की रोकथाम व धरपकड़ के लिए पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के निर्देश पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने एसटीएफ को कार्रवाई के निर्देश हैं. वहीं गुरुवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि उत्तराखंड एसटीएफ ने डब्ल्यूसीसीबी दिल्ली की टीम की ओर से वन्य जीव तस्करी की सूचना मिलने पर गत छह नवंबर बुधवार को देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में शक्ति नहर पुल नंबर दो के समीप लगे टीन शेड के पास से एक वन्यजीव तस्कर कृष्ण कुमार (52) पुत्र जयप्रकाश निवासी ग्राम लारा नौगांव जिला उत्तरकाशी हाल पता विजय कॉलोनी हर्बटपुर विकासनगर देहरादून को गिरफ्तार किया है. साथ ही उसके कब्जे से एक हिरन की कस्तूरी (वजन 25.62 ग्राम) व दो हिरन का पंजा (जिनकी लंबाई क्रमश: लगभग 22 सेमी और 18 सेमी है) बरामद किए है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उक्त कस्तूरी हिरन व पंजों को वन्यजीव जंतु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है. इसका शिकार करना गंभीर अपराध है. पकड़े गए तस्कर के विरुद्ध थाना विकासनगर में वन्यजीव अधिनियम (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा पंजीकृत दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि अभियुक्त से पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार गहनता से छानबीन की जा रही है. यदि इस मामले में अन्य किसी व्यक्ति की संलिप्तता मिलती है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी. वन विभाग से भी जानकारी की जा रही है.
जानें क्या है कस्तूरी? सुगंध की दुनिया की वेशकीमती चीज
वन विभाग के अनुसार हिरन की कस्तूरी सुगंध की दुनिया में बेशकीमती चीज मानी जाती है. कस्तूरी वयस्क नर हिरण में पाई जाती है. ये हिरण की नाभि के पास एक थैली में होती है. अंडाकार, 3-7.5 सेंटीमीटर लंबी और 2.5-5 सेंटीमीटर चौड़ी होती है. इसकी महक हिरन को दीवाना बनाती रहती है और वो समझ ही नहीं पाता कि ये सुगंध कहीं और से बल्कि उसके अंदर से ही निकल रही है. मतवाला होकर वो इसको सारे वन में ढूंढता रहता है. हालांकि इस चक्कर में हिरन का खूब शिकार भी किया जाता है. कस्तूरी मृग को ‘हिमायलन मस्क डियर’ के नाम से भी जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम ‘मास्कस क्राइसोगौ’ है. साथ ही यह उत्तराखंड का राजकीय पशु भी है. कस्तूरी को दुनिया का बेहतरीन और बहुमूल्य सुगंधित पदार्थ माना जाता है. इसे प्राचीन काल से इत्र के लिए एक लोकप्रिय रासायनिक पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. ये दुनिया भर के सबसे महंगे पशु उत्पादों में एक है. वैसे कस्तूरी का व्यापार दुनिया में अवैध है. इसके इस्तेमाल से चीन में पारंपरिक दवाएं बनाई जाती हैं. कस्तूरी हिरन नेपाल, भारत, पाकिस्तान, तिब्बत, चीन, साइबेरिया और मंगोलिया में पाए जाते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार