CJI Sanjiv Khanna Oath: जस्टिस संजीव खन्ना ने आज चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली, इसी के साथ वो देश के 51वें चीफ जस्टिस बन गए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जस्टिस संजीव खन्ना को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है. बता दें कि संजीव खन्ना इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म करना और जम्मू कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने जैसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं.
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। pic.twitter.com/dvXrZJ9xaO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 11, 2024
जानकारी के लिए बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना को 2019 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. उसके पहले वे दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे. जस्टिस संजीव खन्ना का चीफ जस्टिस के रूप में कार्यकाल 11 नवंबर से 13 मई, 2025 तक का होगा. 14 मई, 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ने 1983 में वकालत की शुरूआत तीस हजारी कोर्ट में प्रेकटिस जज के रूप में की थी. 2005 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया था और 2006 में स्थायी जज नियुक्त किया गया था. जस्टिस संजीव खन्ना को 18 जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था.
आने वाले 6 महीनों के लिए संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर कार्य करेंगे. इससे पहले के अपने करीयर में नव नियुक्त सीजेआई देश के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं.
– जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने ईवीएम में हेरफेर को लेकर दर्ज की गई याचिका को निराधार कर दिया और बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग को भी खारिज कर दिया था.
– जस्टिस संजीव खन्ना उन 5 न्यायधीशों की पीठ का हिस्सा थे जिन्होंने साल 370 को निरस्त करने के 2019 फैसले को बरकरार रखा. इसे देश के ऐतिहासिक फैसलों में गिना जाता है.
– पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले में लोकसभा चुनाव के बीच प्रचार करने की जमानत याचिका के फैसले पर उन्हें जमानत दी थी.