नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को बिहार के दरभंगा में लगभग 12,100 करोड़ रुपये की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इनमें दरभंगा एम्स सहित स्वास्थ्य, सड़क, रेल एवं ऊर्जा क्षेत्र की 25 परियोजनाएं शामिल हैं.
प्रधानमंत्री ने दरभंगा में आयोजित जनसभा में कहा कि हमारी सरकार हमेशा देश के लोगों के विकास के लिए खड़ी है. हमने एक ही कार्यक्रम में 12,100 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में खूब विकास हो रहा है. एनडीए सरकार लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.
पड़ोसी राज्य झारखंड में आज विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड के लोग ‘विकसित झारखंड’ के सपने को पूरा करने के लिए वोट डाल रहे हैं. उन्होंने झारखंड के सभी मतदाताओं से आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान में हिस्सा लें.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में प्रतिष्ठित लोक गायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा को भी याद किया. उन्होंने कहा कि महापर्व छठ की महिमा को जिस तरह शारदा सिन्हा ने अपने गीतों से पूरी दुनिया में पहुंचाया वह अद्भुत है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार, देश में स्वास्थ्य को लेकर होलिस्टिक अप्रोच के साथ काम कर रही है. पहला फोकस, बीमारी से बचाव पर है. दूसरा फोकस, बीमारी की सही तरीके से जांच पर है. तीसरा फोकस है लोगों को मुफ्त और सस्ता इलाज मिले, उन्हें सस्ती दवाएं मिलें. चौथा फोकस है छोटे शहरों में भी इलाज की बेहतरीन सुविधाएं पहुंचाना, देश में डॉक्टरों की कमी को दूर करना. पांचवां फोकस है स्वास्थ्य सेवाओं में टेक्नॉलजी का विस्तार करना.
उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स के निर्माण से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा. इससे मिथिला, कोसी और तिरहुत क्षेत्र के अलावा पश्चिम बंगाल और आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों को सुविधा होगी. नेपाल से आने वाले मरीज भी इस एम्स में इलाज करा सकेंगे. एम्स से यहां रोजगार और स्वरोजगार के अनेक अवसर बनेंगे.
उन्होंने कहा कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ से देश में करीब चार करोड़ लोगों का इलाज हो चुका है. अगर आयुष्मान भारत योजना न होती तो इनमें से ज्यादातर लोग अस्पताल में भर्ती ही नहीं हो पाते. प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना से करोड़ों परिवारों को करीब सवा लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है.
देश में एम्स की संख्या नहीं बढ़ाने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि आजादी के 60 सालों तक देश में एक ही एम्स था. ऐसे में किसी भी बीमारी से पीड़ित हर व्यक्ति को एम्स, दिल्ली जाना पड़ता था. हमारी सरकार ने देश के कई हिस्सों में नए एम्स अस्पताल स्थापित किए. आज देश में 24 एम्स अस्पताल हैं. हमारी सरकार ने तय किया कि कोई भी व्यक्ति अपनी मातृभाषा में चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त कर सकता है और डॉक्टर बन सकता है. एक तरह से ये काम कर्पूरी ठाकुर को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में हमने मेडिकल की एक लाख नई सीटें जोड़ी हैं और अगले पांच वर्षों में देश में 75 हजार नई मेडिकल सीटें जोड़ेंगे. हमारी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिसका बिहार के युवाओं को भी लाभ होगा. हम जल्द ही हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में मेडिकल की शिक्षा का विकल्प प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में स्थापित किए जा रहे कैंसर अस्पताल से मरीजों को लाभ होगा, क्योंकि उन्हें राज्य में ही बेहतर इलाज मिलेगा और उन्हें राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. बिहार को एक बड़ा नेत्र अस्पताल भी मिलेगा.
बिहार को देश की विरासत का एक बड़ा केंद्र बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विरासत को बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. इसी के तहत एनडीए सरकार ‘विकास भी और विरासत भी’ के मंत्र के साथ काम कर रही है. आज नालंदा विश्वविद्यालय अपने पुराने गौरव को पाने की राह पर है.
हिन्दुस्थान समाचार