नई दिल्ली: अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. अमेरिका में उन पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी में शामिल होने और निवेशकों को धोखा देने का आरोप लगाया गया है. इन आरोपों की अमेरिकी कोर्ट में प्राथमिक सुनवाई हुई. इसके बाद गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है. इन आरोपों के बाद अडाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में आज जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई. ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों के शेयर 10 से लेकर 23 प्रतिशत तक टूट गए. वहीं अब इस पर खुद गौतम अदाणी का भी रिएक्शन सामने आया है जहां उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है और कानूनी कार्रवाही की बात की है.
गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और एक अन्य पर अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स ने आरोप लगाया गया है कि अडाणी ग्रुप ने सोलर एनर्जी का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी थी. अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) की ओर से बनाए गए मामले में कहा गया है कि गौतम अडाणी, सागर अडाणी और अन्य ने झूठे और भ्रामक बयानों के जरिए अमेरिकी निवेशकों और ग्लोबल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से फंड जुटाए और इस फंड का इस्तेमाल रिश्वतखोरी में किया. आरोप में कहा गया है कि अडाणी की ओर से करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई. ये आरोप विदेशी व्यापार सौदों में रिश्वतखोरी रोकने के लिए बनाए गए अमेरिकी कानून विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के तहत आते हैं.
न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में दाखिल किए गए अभियोग में गौतम अडाणी और सागर अडाणी के अलावा विनीता एस जैन के नाम शामिल किए गए हैं. इस मामले में आपराधिक आरोप होने के साथ ही अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने एक सिविल केस भी दाखिल किया है. अडाणी ग्रुप पर इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिटाने के साथ जस्टिस डिपार्मेंट, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और एसबीआई को गुमराह करने का आरोप भी लगाया गया है.
अडाणी ग्रुप के खिलाफ ये आरोप ऐसे समय पर आए हैं जब ये ग्रुप अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से लगे झटकों के बाद काफी हद तक उबर चुका है. हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर काफी असर पड़ा था लेकिन उसके बाद से अडाणी ग्रुप ने अपने कर्ज में काफी कटौती की है. अगस्त 2024 में ही अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने अपने कर्ज को घटाने और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट(क्यूआईपी) के जरिए करीब एक अरब डॉलर का फंड जुटाया था. इसी तरह अडाणी ग्रुप ने 2025 की शुरुआत में अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के डॉलर बॉन्ड जारी करके 1.5 अरब डॉलर जुटाने की भी योजना बनाई थी. इस रकम का इस्तेमाल भी कर्ज चुकाने में ही किया जाना था. हालांकि अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद अडाणी ग्रुप ने अपने प्रस्तावित बॉन्ड को वापस ले लिया है.
अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अडाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में आज भूचाल आया हुआ है. ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के शेयर 10 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक टूट चुके हैं. खासकर, अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 697.25 रुपये के स्तर पर पहुंच कर लोअर सर्किट में आ गया है. इसी तरह अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने भी आज लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2172.5 के स्तर को छू लिया था.
हिन्दुस्थान समाचार