नैनीताल: जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देशों पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नैनीताल में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत ‘बालिकाओं द्वारा असुरक्षित स्थानों के चिह्नीकरण’ विषय पर संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यशाला में स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवीक्षा विभाग के अधिकारियों ने बालिकाओं से संवाद कर उनकी समस्याओं और असुरक्षा के अनुभवों को साझा किया.
इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट नैनीताल वरुणा अग्रवाल ने बालिकाओं को प्रेरित किया कि वे बिना किसी भय के असुरक्षित स्थानों के बारे में जानकारी दें ताकि वहां असामाजिक तत्वों पर कठोर कार्रवाई की जा सके. अपर निदेशक-प्रशिक्षण ऋचा सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, जिला प्रोबेशन कार्यालय की तबस्सुम ने भी विचार व्यक्त किये. कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग से डॉ. दीप्ति धामी, शिक्षा विभाग से मेहा साह आदि ने भी संबंधित जानकारियां दीं. इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिकाएं, बाल विकास अधिकारी शिल्पा जोशी और सुपरवाइजर प्रियंका आर्या भी उपस्थित रहीं.
बालिकाओं ने इन स्थानों को बताया असुरक्षित
इस अवसर पर बालिकाओं ने नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में हरीनगर, मल्लीताल मस्जिद के पास, आलूखेत का फायरिंग एरिया, बस स्टैंड, स्नो व्यू, अपने ही विद्यालय के गेट के पास, जू रोड, बूचड़खाना, मुसाफिरखाना, दुर्गापुर, तप्पड़, मॉल रोड के पार्क व जेल परिसर को असुरक्षित स्थानों के रूप में चिह्नित किया. इसके साथ ही बालिकाओं ने बताया कि नैनीताल-हल्द्वानी रूट की बसों और टैक्सियों में यात्री और स्टाफ अक्सर नशे में रहते हैं, जिससे छेड़छाड़ और असुविधा की घटनाएं होती हैं. कई सुनसान स्थानों पर ड्रग्स और शराब का कारोबार भी होता है, जिससे असुरक्षा की भावना बढ़ती है. बालिकाओं ने इस समस्या के समाधान के लिये रोडवेज बस स्टैंड का नियमित निरीक्षण करने, चिह्नित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, लगातार पुलिस पेट्रोलिंग, गलियों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, रिक्शा स्टैंड और अन्य संवेदनशील स्थानों पर गश्त आदि के सुझाव दिये.
हिन्दुस्थान समाचार