देहरादून/ रुद्रप्रयाग: जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में चिकित्सकों की एक टीम ने एक 24 वर्षीय महिला को नया जीवन दिया है. कार्नुअल एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (सीईपी) नामक एक दुर्लभ स्थिति से पीड़ित इस महिला की हालत काफी गंभीर थी. एनेस्थेटिक डॉक्टर डॉ. निर्देश कुमार के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने एक जटिल ऑपरेशन कर महिला को बचा लिया.
कार्नुअल एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (सीईपी) से जूझ रही 24 वर्षीय एक महिला को कर्णप्रयाग अस्पताल से श्रीनगर बेस अस्पताल के लिए रेफर किया गया. डॉ. निर्देश एक मरीज को देखने जा रहे थे. उन्होंने एम्बुलेंस ड्राइवर एवं टेक्निकल स्टाफ से मरीज के बारे में पूछा तो उन्होंने स्थिति की गंभीरता बताते हुए अस्पताल से ऑक्सीजन जल्दी दिलाने में मदद मांगी. डॉ निर्देश ने ऑक्सीजन लेने के दौरान मरीज को वार्ड में रखने की सलाह देते हुए मरीज को अन्य अनिवार्य फ्ल्यूड चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की.
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सोनालिनी सिंह ने महिला को ईलाज देन के लिए प्रेग्नेंसी एवं अन्य टेस्ट करवाए. महिला को दो यूनिट ब्लड चढ़ाने के बाद उनकी पल्स और बीपी कुछ सामान्य हुए. अल्ट्रासाउंड करने पर बच्चेदानी में बच्चे का कोई ट्रेस नहीं मिला तो डॉक्टरों ने कार्नुअल एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (सीईपी) की संभावना देखते हुए महिला का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.
पैथोलॉजिस्ट डॉ. मनीष कुमार ने बताया कि उनकी धर्मपत्नी का ब्लड ग्रुप महिला से मैच करता है. उन्होंने अपनी पत्नी डॉ श्वेतांगी जखमोला को केस की जानकारी दी तो वह तुरंत रक्तदान करने पहुंची. रात 11 बजे बाद महिला का ऑपरेशन शुरू हुआ ऑपरेशन में कॉर्नुअल एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (सीईपी) मिली कई जगह पर फैलोपियन ट्यूब रप्चर (क्षतिग्रस्त) भी पाई गई और पेट में खून भी भरा हुआ था. महिला का ऑपरेशन सफल रहा और अब वह खतरे से बाहर है.
ऑपरेशन में जिन चिकित्सकों की महत्वपूर्ण रही उनमें एनेस्थेटिक डॉ. निर्देश कुमार के अलावा, डॉ. सोनालिनी सिंह तथा नर्सिंग अधिकारी छवि, अनुपम, आशा के अलावा रक्तदाता डॉ श्वेतांगी जखमोला का नाम शामिल है.
हिन्दुस्थान समाचार