नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली-एनसीआर में स्कूल खोलने पर विचार करे. जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने आयोग को निर्देश दिया कि वे इस पर कल यानी 26 नवंबर तक फैसला करें. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध जारी रहेंगे. कोर्ट ने कहा कि जब तक वह (कोर्ट) आश्वत नहीं हो जाता कि प्रदूषण के स्तर में कमी आ रही है तब तक प्रतिबंध जारी रहेंगे. कोर्ट ने एनसीआर के अंतर्गत आने वाले राज्यों से कहा है जब तक निर्माण कार्य पर रोक है तब तक वो लेबर सेस के रूप में जमा पैसे का उपयोग श्रमिकों को जीविका प्रदान करने के लिए करें.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 18 से 23 नवंबर के बीच ग्रैप-4 के दिशा-निर्देशों का पालन ठीक से नहीं किया है. ट्रकों को दिल्ली आने से रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि सिर्फ 23 पर ही चेकपोस्ट क्यों लगे. हम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को धारा 14 के तहत दिल्ली के पुलिस आयुक्त पर कार्रवाई का निर्देश देंगे और हम आयोग को इसके लिए सभी एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब लेने और उन पर मुकदमा चलाने का निर्देश देंगे. तब एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि स्थिति को पूरी तरह से समझाने का मौका दिया जाए, क्योंकि कोर्ट के आदेश के बाद सभी चेक प्वाइंट पर पुलिस तैनात की गई.
स्कूल खोले जाने के मामले पर भाटी ने कहा कि कल एक्यूआई ग्रैप-2 के स्टेज पर था लेकिन आज अब तक एक्यूआई लगभग 324 पहुंच गया है. भाटी ने कोर्ट को बताया कि स्कूलों के लिए फिजिकल क्लासेज पर रोक जारी है. एनसीआर के गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर के लिए सभी फिजिकल क्लासेज बंद कर दी गई हैं. कोर्ट ने कहा कि जिन अधिकारियों द्वारा ग्रैप-4 के अनुपालन में ढिलाई बरती गई, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग कार्रवाई करे.
सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के ग्रैप-4 के आदेश के बावजूद इसे सही ढंग से लागू नहीं करने पर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा था कि दिल्ली आने वाले सभी 113 एंट्री प्वाइंट पर पुलिस अधिकारियों को तैनात करें. साथ ही दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के वॉलेंटियर्स को निगरानी का जिम्मा दें.
हिन्दुस्थान समाचार