Dehradun: वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कैलास मानसरोवर की यात्रा परंपरागत मार्ग से शुरू कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की पहल का स्वागत किया है.
कांग्रेस नेता रावत ने अपने सोशलमीडिया एक्स पर टवीट कर कहा है कि उन्हें एक अच्छी खबर पढ़ने को मिली है. कैलास मानसरोवर यात्रा अपने परंपरागत मार्ग अर्थात धारचूला, लिपुलेख होकर तकलाकोट मानसरोवर और कैलाश की परिक्रमा करेगी. विदेश मंत्री के हवाले से यह बात सामने आई है, मैं बहुत उत्साहित हूं. उन्हाेंने लिखा कि ‘यदि ऐसा होता है तो मैं यह कहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार का जो पाप था, इस यात्रा को यहां से स्थगित कर तवांग से शुरू करवाने का, वह पाप धुल जाएगा.’ उन्होंने कहा है कि आंशिक रूप से गुंजी में तप कर प्रधानमंत्री ने उस पाप को धो दिया था, मगर पूर्णत: यह पाप तभी धुलेगा, जब कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने परंपरागत मार्ग से पुन: संचालित होने लगेगी.
चीन युद्ध के समय में यह यात्रा खंडित हो गई थी. बड़ी कोशिशें से इंदिरा गांधी ने इस यात्रा को पुन: प्रारंभ करवाया था और मुझे भी इसके पहली टीम, जो कैलाश मानसरोवर यात्रा में गई थी, उसके साथ जुड़ने का सौभाग्य मिला था और मेरे उस सौभाग्य को आंशिक रूप से शेयर करने के लिए मेरे साथ डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी जैसे लोग भी थे.उल्लेखनीय है कि कैलाश मानसराेवर यात्रा पिछले पांच साल से बंद है. पिछले दिनाें ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी20 समिट में चीन औरभारत की द्विपक्षीयवार्ता के दाैरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के अपने समकक्ष वांग यी से कैलाश मानसराेवर की यात्रा काे लेकर चर्चा की थी. इस वार्ता के बाद हिन्दूओं को एक और गुड न्यूज मिलने की उम्मीद है.
हिन्दुस्थान समाचार