Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन भी हंगामें की भेंट चढ़ गया. इस बीच वक्फ बिल पर गठित जेपीसी के प्रमुख जगदंबिका पाल ने लोकसभा में कमेटी के कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. जगदंबिका पाल पाल ने इसे 2024 के पहले हफ्ते के आखिरी दिन से बढ़ाकर बजट सत्र 2025 तक करने की बात की. इसके बाद वक्फ वक्फ बिल पर जेपीसी कमेटी के इस प्रस्ताव को लोकसभा की मंजूरी मिल गई है.
बता दें कि दोनों सदनों की कार्रवाही शुरू होने के बाद से ही विपक्ष की तरफ से जमकर हंगामा किया है और नारेबाजी शुरू कर दी गई. इस बीच दोनों सदनों की कार्रवाही को पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था वहीं अब इस पूरे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया है. इस सत्र की शुरूआत पहले दिन प्रधानमंत्री के संबोधन के साथ हुई थी, दूसरे दिन संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने इसके संयुक्त सत्र को संबोधित किया था.
इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलने देने के लिए विपक्ष की निंदा की. उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सभी सदस्य विधेयकों पर चर्चा करने और कामकाज को ठीक से चलने देने के लिए राजी हुए थे. हालांकि यहां हंगामा हो रहा है.
उन्होंने वक्फ संबंधित समिति का कार्यकाल बढ़ाये जाने के दौरान भी विपक्ष के हंगामा करने की निंदा की. उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से समिति का कार्यकाल बढ़ाये जाने पर सहमति बनी थी लेकिन प्रस्ताव पर मतदान के दौरान विपक्ष हंगामा कर रहा है.
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को संविधान की 75वीं वर्षगांठ का ध्यान दिलाते हुए कहा कि संविधान सभा में भी असहमति थी और बहस हुई हैं लेकिन इस तरह का हंगामा ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि संविधान के 75 वर्षों के दौरान संविधान सभा में भी बहसें हुईं, असहमति और सहमति भी बनीं लेकिन सभी ने मर्यादित आचरण बनाए रखा. वे विपक्ष को हर मुद्दे पर पर्याप्त समय और अवसर देंगे.
इस बीच राज्यसभा में भी कार्यवाही बाधित रही. सुबह कार्यवाही की शुरुआत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम में चुनाव के लिए प्रस्ताव पेश किया जिसे राज्यसभा ने स्वीकृत कर दिया .
राज्यसभा की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया. उसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. नतीजतन, सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय भावना सदन से गूंजनी चाहिए. संसदीय व्यवधान कोई उपाय नहीं है बल्कि यह एक रोग है. यह हमारी नींव को कमजोर करता है और संसद को अप्रासंगिक बना देता है. हमें इसकी प्रासंगिकता सुनिश्चित करते रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब हम रचनात्मक चर्चा से भटक जाते हैं, तो हम उन लाखों लोगों के विश्वास का सम्मान करने में विफल हो जाते हैं, जो हमें अपनी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के संरक्षक के रूप में देखते हैं.